Gujarat: दस दिन में तीन मासूम बालिकाओं से दुष्कर्म व हत्या के मामले में आजीवन कैद की सजा
Gujarat दस दिन में तीन मासूम बालिकाओं से दुष्कर्म व हत्या के मामले में गांधीनगर सत्र अदालत ने दोषी विजय ठाकोर को आजीवन कैद की सजा सुनाई है। विजय ठाकोर को पुलिस ने सात नवंबर को गिरफ्तार किया था।
अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। गुजरात में दस दिन में तीन मासूम बालिकाओं से दुष्कर्म व हत्या के मामले में गांधीनगर सत्र अदालत ने दोषी विजय ठाकोर को आजीवन कैद की सजा सुनाई है। विजय ठाकोर को पुलिस ने सात नवंबर को गिरफ्तार किया था। सात दिन में पुलिस ने इस केस का आरोप पत्र दाखिल कर दिया था। गांधीनगर सहायक पुलिस आयुक्त मयूर चावड़ा के नेतृत्व में स्पेशल आपरेशन ग्रुप व क्राइम ब्रांच की टीम ने गांधीनगर के सातेज में तीन साल की श्रमिक परिवार की एक मासूम बालिका के अपहरण की। जांच के दौरान नजदीक की झाड़ियों में इस मासूम का शव बरामद किया। जांच में बालिका के साथ दुष्कर्म करने की पुष्टि हुई। पुलिस ने करीब 200 सीसीटीवी फुटेज तथा फारेंसिक साइंस की मदद से जांच करते हुए विजय ठाकोर को धर दबोचा।
जानें, क्या है मामला
विजय ने दो अन्य मासूम बालिकाओं से दुष्कर्म की बात कबूल की है। इसके अलावा कड़ी व कलोल पुलिस थाना इलाके में हत्या व लूट को भी कबूल किया है। विजय के खिलाफ छह गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिन्हें उसने कबूल कर लिया है। सरकारी वकील सुनील पंड्या ने बताया कि आरोपित के जूतों पर लगी मिट्टी तथा पीड़िता के कपड़ों पर वीर्य के नमूने के आधार पर विजय को अदालत में दोषी माना है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी मासूम के साथ दुष्कर्म की पुष्टि की गई। इसे अदालत ने एक हैवानियत भरा अपराध बताया। विजय ने तीनों दुष्कर्म के अपराध स्वीकार किए हैं। पुलिस ने सात नवंबर को आरोपित को गिरफ्तार कर लिया था तथा 15 नवंबर को आरोपित के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एसएन सोलंकी ने मामले की सुनवाई करते हुए मासूम बालिकाओं के साथ दुष्कर्म व हत्या के दोषी विजय ठाकोर को अंतिम सांस तक जेल में रखने की सजा सुनाई है।
वकील ने की थी फांसी की सजा की मांग
सरकारी वकील सुनील पंड्या ने बताया कि पुलिस ने अपनी जांच में उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 363 366 302 376 376ए 376बी 449 201 तथा पाक्सो के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। विजय ने 10 दिन में तीन गंभीर अपराध किए। इससे पहले वह कड़ी व कलोल पुलिस थाने में महिला की हत्या व लूट की वारदात भी कर चुका था। सरकारी वकील ने अदालत से दुष्कर्म के आरोपित विजय को फांसी की सजा देने की मांग की थी, ताकि समाज में इस तरह के अपराध को लेकर एक उदाहरण पेश किया जा सके। अदालत ने इस मामले को रेरेस्ट आफ रेर केस माना है। सरकारी वकील सुनील पंड्या ने अपनी दलील में दोषी को अधिकतम सजा फांसी देने की मांग की। अदालत ने भी इसके कृत्य को हैवानियत भरा तथा विजय को साइको क्रिमिनल माना तथा अपने फैसले में उसे अंतिम सांस तक जेल में रहने की सजा सुनाई।