जसदण उपचुनाव विजय रूपाणी के लिए चुनौती, पाटीदार व वाघेला हराने में जुटे
Jasdan bypoll. गुजरात की एक विधानसभा सीट के लिए 20 दिसंबर को होने वाले उपचुनाव को लेकर भाजपा व सीएम रूपाणी अपनी पूरी ताकत लगा रहे हैं।
अहमदाबाद, शत्रुघ्न शर्मा। विधानसभा चुनाव में जीत का स्वाद चखने वाले मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के लिए जसदण उपचुनाव टेढी खीर साबित हो रहा है। पाटीदार व वरिष्ठ नेता शंकर सिंह वाघेला इस चुनाव में अपना हिसाब-किताब पूरा करने के मूड में हैं। उपचुनाव में भाजपा की हार के बाद 2001 में सीएम केशुभाई को इस्तीफा देना पड़ा था, राजनीति के जानकार रूपाणी के लिए इस चुनाव को टर्निंग पॉइन्ट मान रहे हैं।
लोकसभा चुनाव से पहले गुजरात की एक विधानसभा सीट के लिए 20 दिसंबर को होने वाले उपचुनाव को लेकर भाजपा व मुख्यमंत्री रूपाणी अपनी पूरी ताकत लगा रहे हैं। कांग्रेस ने भी सौराष्ट्र व आसपास के 30 विधायकों को जसदण की चुनावी तैयारी में लगा दिया है। भाजपा की ओर से यहां कैबिनेट मंत्री कुंवरजी बावलिया प्रत्याशी होंगे, बावलिया कांग्रेस की ओर से नेता विपक्ष नहीं बनाए जाने से नाराज होकर जुलाई 2018 में भाजपा में शामिल हो गए, भाजपा ने उसी दिन उन्हें मंत्री बना दिया था। कांग्रेस के प्रत्याशी को लेकर फिलहाल असमंजस है। प्रवक्ता मनीष दोशी बताते हैं कि एक दिसंबर को कांग्रेस प्रत्याशी घोषित होगा। कांग्रेस ने तीन उम्मीदवारों का एक पैनल तैयार किया है जिसमें भोलाभाई गोहिल का नाम सबसे ऊपर बताया जाता है।
आरक्षण आंदोलन चला रही पाटीदार आंदोलन समिति इस चुनाव में भाजपा को हराने के लिए कमर कस रही है। वहीं, वरिष्ठ नेता शंकर सिंह वाघेला ने भी कांग्रेस को जिताने का एलान कर दिया है। विधानसभा चुनाव में वाघेला ने अपने तीसरे मोर्चे के सवा सौ उम्मीदवार मैदान में उतारे थे, लेकिन उन सभी की जमानत जब्त हो गई थी। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि वर्ष 2001 में तत्कालीन सीएम केशुभाई पटेल के वक्त भाजपा साबरमती व साबरकांठा सीट पर उपचुनाव हार गई, जिसके बाद उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था। हालांकि इससे पहले आए विनाशकारी भूकंप के बाद पुनर्वास कार्य नहीं होना भी एक बड़ा कारण रहा था। पाटीदार आंदोलन के चलते आनंदीबेन पटेल को सीएम पद छोड़ना पडा था। पाटीदार इसको लेकर भी नाराज हैं। जसदण उपचुनाव में पाटीदार रूपाणी से हिसाब बराबर करने पर आमादा हैं।