गुजरात के विवादास्पद पूर्व आईपीएस संजीव भट्ट की याचिका को हाईकोर्ट ने ठुकराया
गुजरात के विवादास्पद पूर्व आईपीएस संजीव भट्ट की नियमित अदालत में ही केस की सुनवाई संबंधी याचिका को हाईकोर्ट ने स्वीकार कर लिया है।
अहमदाबाद, जागरण ब्यूरो। गुजरात के विवादास्पद पूर्व आईपीएस संजीव भट्ट की नियमित अदालत में ही केस की सुनवाई संबंधी याचिका को हाईकोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। हिरासत में एक वकील के साथ मारपीट वे उसे फेक केस में फंसाने के आरोप में भट्ट पालनपुर जेल में बंद है। पूर्व आईपीएस संजीव भट्ट की पत्नी श्वेता भट्ट की ओर से गुजरात उच्च न्यायालय में दायर यह याचिका में कहां गया है कि संजीव भट्ट एनडीपीएस एक्ट हिरासत में प्रताड़ना के एक मामले में जेल में बंद हैं।
उनके खिलाफ तैयार आरोप पत्र में 500 से अधिक दस्तावेज हैं तथा अन्य गवाहों के बयान वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से अदालत के समक्ष पेश करना मुश्किल है। इसीलिए भट्ट के केस की सुनवाई वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से नहीं करके नियमित अदालत में ही की जाए। भट्ट की ओर से अदालत को यह विश्वास दिलाया गया कि आईपीएस संजीव भट्ट की ओर से केस की सुनवाई में देरी का आधार लेकर जमानत के लिए अर्जी दाखिल नहीं करेंगे, अंतरिम जमानत के लिए भी उनकी ओर से कोई याचिका दायर नहीं की जाएगी।
पूर्व आईपीएस हाल पालनपुर की जेल में बंद है, उन पर पाली राजस्थान के एक वकील के खिलाफ मादक द्रव्य संबंधी अधिनियम के तहत एक झूठा केस बनाकर वकील को पुलिस हिरासत में प्रताड़ित करने का मामला चल रहा है। वर्ष 19 98 के इस मामले में संजीव भट्ट को सितंबर 2018 में गिरफ्तार किया गया था। गुजरात दंगों को लेकर भाजपा नेताओं वह तत्कालीन मुख्यमंत्री के खिलाफ बयानबाजी को लेकर संजीव भट्ट काफी विवादों में रहे। संजीव भट्ट की पत्नी श्वेता भट्ट ने 2012 के विधानसभा चुनाव में मणिनगर से नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव भी लड़ा था। श्वेता भट्ट तब कांग्रेस की प्रत्याशी रही थी।
वर्ष 1990 में जामनगर में पुलिस हिरासत में मौत के एक मामले में भट को जून 2019 में आजीवन कारावास की भी सजा सुनाई जा चुकी है। 30 साल पहले जामनगर के जाम जोधपुर में भारत बंद के दौरान पुलिस ने एक युवक को जेल में बंद कर दिया था इसी दौरान उसके साथ मारपीट की गई जिससे उसकी मौत हो गई थी। संजीव भट्ट उस दौरान जामनगर के अतिरिक्त पुलिस उपाधीक्षक थे। ड्यूटी से लगातार गैरहाजिर रहने पर वर्ष 2011 में गुजरात सरकार ने आईपीएस भट को सस्पेंड कर दिया था। इसके बाद वे सेवानिवृत्त भी कर दिए गए।