Move to Jagran APP

गोधरा कांड में किसी को फांसी नही

गोधरा ट्रेन अग्निकांड के बाद पूरे गुजरात में दंगे भड़क गए थे। इस घटना में कोच में सवार 59 लोग जलकर मर गए थे।

By Babita KashyapEdited By: Published: Mon, 09 Oct 2017 09:46 AM (IST)Updated: Tue, 10 Oct 2017 11:25 AM (IST)
गोधरा कांड में किसी को फांसी नही
गोधरा कांड में किसी को फांसी नही

अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। साबरमती एक्सप्रेस के कोच एस-6 में सवार 59 कारसेवकों को जिंदा जलाने के मामले में अब किसी को फांसी की सजा नहीं होगी। गुजरात हाई कोर्ट ने पूरे देश को हिलाकर रख देने वाले 2002 के गोधरा कांड में 11 दोषियों की फांसी की सजा को कठोर आजीवन कारावास में बदल दिया है। 

loksabha election banner

हालांकि, हाई कोर्ट ने 20 दोषियों को उम्रकैद तथा 63 आरोपियों को बरी करने का विशेष अदालत का फैसला बरकरार रखा है। विशेष अदालत ने इस मामले में 63 आरोपियों को बरी कर दिया था। 31 आरोपियों को दोषी करार देकर उनमें से 11 को फांसी तथा 20 को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। इनके खिलाफ आपराधिक साजिश, ज्वलनशील पदार्थ जमा करने और एक समुदाय विशेष के लोगों पर हमला करने का आरोप सिद्ध हुआ था। हाई कोर्ट ने 63 आरोपियों को बरी करने के खिलाफ एसआइटी की अपील और सजा के खिलाफ दोषियों की अपील दोनों खारिज कर दी।

सोमवार को फैसला सुनाते हुए हाई कोर्ट ने राज्य सरकार और रेलवे प्रशासन को गोधरा कांड में मारे गए लोगों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये मुआवजा देने का भी आदेश दिया। अदालत ने माना कि राज्य सरकार और रेलवे प्रशासन कानून-व्यवस्था बनाए रखने में नाकाम साबित हुए। साबरमती एक्सप्रेस की पूरी एक बोगी के दरवाजों को बाहर से बंद कर आगे के हवाले कर दिया गया था।


फैसले में देरी पर जताया खेद: जस्टिस

अनंत एस दवे और जीआर उधवानी की पीठ ने फैसला सुनाए जाने में देरी के लिए खेद भी जताया। निचली अदालत के फैसले के खिलाफ अपीलों पर सुनवाई ढाई साल पहले ही पूरी हो चुकी थी। हाई कोर्ट ने घायलों के बयानों, यात्रियों, रेलवे कर्मचारियों, रेलवे सुरक्षा बल, गोधरा के दो पुलिसकर्मियो फॉरेंसिक लैब के विशेषज्ञों और इकबालिया बयानों के आधार पर सजा में नरमी बरती।

बरी होने वालों में मास्टरमाइंड भी

निचली अदालत ने इस मामले में जिन 63 आरोपियों को बरी किया था, उनमें मुख्य आरोपी मौलाना उमरजी, गोधरा नगरपालिका का तत्कालीन अध्यक्ष मुहम्मद हुसैन कलोता, मुहम्मद अंसारी और गंगापुर (उत्तर प्रदेश) के चौधरी नानू मियां शामिल हैं। हाई कोर्ट ने भी इन्हें बेगुनाह माना।  

गुजरात सरकार सुप्रीम कोर्ट में अपील करे: तोगडिय़ा  

विश्व हिंदू परिषद के प्रमुख प्रवीण तोगडिय़ा ने कहा है कि गुजरात सरकार को हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील करनी चाहिए। उन्होंने सवाल किया कि गोधरा में योजनाबद्ध तरीके से हिंदुओं  को जिंदा जलाने वाले जिहादियों को फांसी की सजा आखिर क्यों नहीं होनी चाहिए? लग रहा है कि हिंदुओं को न्याय नहीं मिल रहा है।

यह भी पढ़ें:  गुजरात दंगे: मोदी को क्लीनचिट, जाकिया की याचिका खारिज


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.