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Gujarat: रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल पर गुजरात सरकार सख्त, कहा-हॉस्‍टल खाली कर ड्यूटी पर लौटें

Gujarat सीएम विजय रूपाणी ने कहा कि वह रेजिडेंट डॉक्टरों से बातचीत को तैयार हैं लेकिन उनकी मांगों के आगे झुकने वाले नहीं हैं। इस बीच इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने सरकार की कार्रवाई को बदले की भावना से किया गया बताया है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Mon, 09 Aug 2021 08:19 PM (IST)Updated: Mon, 09 Aug 2021 08:19 PM (IST)
Gujarat: रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल पर गुजरात सरकार सख्त, कहा-हॉस्‍टल खाली कर ड्यूटी पर लौटें
रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल पर गुजरात सरकार सख्त, कहा-हॉस्‍टल खाली कर ड्यूटी पर लौटें। फाइल फोटो

अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। सातवें वेतन आयोग के अमल की मांग और मेडिकल बांड की शर्तों को लेकर गुजरात के रेजिडेंट डॉक्टर और सरकार के बीच टकराव पैदा हो गया है। रेजिडेंट डॉक्टर एक सप्‍ताह से हड़ताल पर हैं। उधर, सरकार ने उनकी मांगों को गैरवाजिब बताते हुए कहा कि पीजी मेडिकल के छात्रों की जरूरत अब जिला व सामुदायिक अस्‍पतालों में है, इसलिए वे तुरंत हॉस्‍टल खाली कर ड्यूटी पर लौटें। मुख्‍यमंत्री विजय रूपाणी ने कहा कि वह रेजिडेंट डॉक्टरों से बातचीत को तैयार हैं, लेकिन उनकी मांगों के आगे झुकने वाले नहीं हैं। इस बीच, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने सरकार की कार्रवाई को बदले की भावना से किया गया बताया है।

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गुजरात के अहमदाबाद, सूरत, राजकोट, वडोदरा, जामनगर तथा भावनगर के करीब दो हजार रेजिडेंट डॉक्‍टर सरकार से सातवें वेतन आयोग के अमल कराने व मेडिकल बांड की शर्तों में ढील देने की मांग को लेकर एक सप्‍ताह से हड़ताल पर हैं। मुख्‍यमंत्री विजय रूपाणी ने हड़ताली रेजिडेंट डॉक्‍टर से काम पर लौटने की अपील करते हुए कहा कि सरकार उनसे बातचीत को तैयार है, लेकिन उनकी गैरवाजबी मांग के आगे झुकने वाली नहीं है। सरकार ने कहा कि रेजिडेंट डॉक्‍टर्स की अब जिला अस्‍पताल व सामुदायिक अस्‍पताल में जरूरत है, इसलिए अब वे हॉस्टल खाली कर अपनी ड्यूटी पर लौटें। इससे पहले शुक्रवार को जामनगर के रेजिडेंट हॉस्‍टल में पानी, बिजली व लिफ्ट सुविधा को बंद कर दिया गया तथा यहां रहने वाले तीन सौ से अधिक जूनियर डॉक्‍टर को हॉस्‍टल खाली करने के निर्देश दिए गए थे। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने गुजरात सरकार को पत्र लिखकर रेजिडेंट डॉक्टर की मांगों पर गौर करने की वकालत करते हुए आरोप लगाया कि सरकार उनके साथ बदले की भावना से काम कर रही है।

इसी बीच, उपमुख्‍यमंत्री नितिन पटेल ने कहा कि रेजिडेंट डॉक्‍टर हड़ताल कर सरकार के साथ किए गए करार का उल्‍लंघन कर रहे हैं। सरकार ने एक अगस्‍त, 2021 से रेजिडेंट डॉक्टरों को ग्रामीण क्षेत्रों में सेवा करने जाने का निर्देश जारी कर दिया है। उन्‍होंने कहा कि सरकारी कॉलेजों में बहुत मामुली शुल्‍क पर एमबीबीएस की पढ़ाई करने वालों को अपने करार के अनुसार, ग्रामीण क्षेत्रों में सेवाएं देना चाहिए या संबंधित कॉलेज में जाकर बांड के मुताबिक, 40 लाख रुपये का जुर्माना भरकर बांड मुक्‍त हो सकते हैं। उपमुख्‍यमंत्री ने कहा कि हड़ताल कर रहे डॉक्‍टर्स काम पर नहीं लौटते हैं तो उनके खिलाफ एपिडेमिक डिजीज एक्‍ट के तहत कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने अपील की है कि डॉक्टरों को नैतिक फर्ज समझकर कोरोना महामारी काल में हड़ताल छोडकर सेवा के काम में तत्‍काल उपस्थित होना चाहिए। गौरतलब है कि गुजरात की करीब चार करोड आबादी ग्रामीण व कस्‍बाई क्षेत्रों में रहती है, इसलिए सरकार चाहती है कि रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल छोड़कर लोगों को चिकित्‍सा सेवाएं प्रदान करें। 


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