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गुजरात सरकार ने 50 फीसदी बढ़ायी आशा कर्मचारियों की सेलरी

राज्य में साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने हैं और चुनाव आयोग किसी भी समय चुनावों की घोषणा कर सकता है।

By Babita KashyapEdited By: Published: Tue, 24 Oct 2017 03:24 PM (IST)Updated: Tue, 24 Oct 2017 03:30 PM (IST)
गुजरात सरकार ने 50 फीसदी बढ़ायी आशा कर्मचारियों की सेलरी
गुजरात सरकार ने 50 फीसदी बढ़ायी आशा कर्मचारियों की सेलरी

अहमदाबाद, जेएनएन। गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले सरकार ने  किसानों के लिए सौगातों की बरसात कर दी है। किसानों को ड्रिप इरिगेशन के लिए 80 फीसदी सब्सीडी व जीएसटी से मुक्ति मिलेगी। आशा वर्कर के वेतन बढोतरी तथा अनुदानित शालाओं के शिक्षकों को भी स्थायी कर दिया जाएगा। सरकार के इस कदम से लाखों किसानों को फायदा होगा, साथ ही हर साल एक लाख किसानों को बूंद- बूंद सिंचाई योजना भी जल्द साकार हो सकेगी। 

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उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने बताया कि राज्य सरकार प्रदेश के किसानों की समस्याओं को लेकर हमेशा संवेदनशील रही है, बूंद बूंद सिंचाई योजना में गुजरात के किसान हमेशा आगे रहे हैं। उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए ड्रिप सिंचाई के साधनों पर 70 से 80 फीसदी तक सब्सीडी तथा 18 फीसदी जीएसटी की रकम सरकार चुकाएगी। सरकार पर इससे 78 करोड़ का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा। 

पटेल ने बताया कि ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉरपोरेशन की ओर से मेहसाणा, खेडा, आणंद, अंकलेश्वर आदि जिलों में किसानों के खेत में ड्रिलिंग, रिंग, पम्पिंग स्टेशन आदि के लिए किराया पेटे 17 हजार रुपये महीना दिया जाता था जिसे केन्द्र सरकार के निर्देश पर अब बढ़ाकर 24 हजार रु कर दिया है। भारतीय किसान संघ के प्रमुख बाबूभाई पटेल बताते हैं कि राजय में 49 लाख किसान हैं तथा हर साल एक लाख किसानों को बूंद-बूंद सिंचाई से जोडऩे का लक्ष्य रखा है। किसान संघ ने सरकार के सामने उपकरणों पर 18 फीसदी जीएसटी का मुद्दा उठाया था जिसे सरकार ने मानते हुए खुद वहन करने का ऐलान कर दिया है। 

सरकार ने राज्य में कार्यरत 40 हजार आशा वर्करों के मानद वेतन में 50 प्रतिशत की बढोतरी का ऐलान किया है, इससे सरकार की तिजोरी रुपये 58 करोड़ का बोझ पड़ेगा। अनुदानित शालाओं में दस वर्ष से पढ़ा रहे शिक्ष्कों को सरकार ने स्थायी करने की घोषणा की है लेकिन उनके टीचर्स एन्टरेंस टेस्ट पास होना आवश्यक होगा। 

उपमुख्यमंत्री ने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा ओबीसी वर्ग के छात्र छात्राओं तथा नागरिकों को मिलने वाली आर्थिक सहायता के नियमों में भी ढिलाई बरती है। इन वर्ग के लोगों के लिए सिलिंग केप को गांव में 47 हजार से एकलाख बीस हजार तथा शहर में 67 हजार से बढ़ाकर डेढ लाख कर दिया है इससे अधिक परिवारों को सरकारी मदद योजनाओं का लाभ मिल सकेगा। 

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