बच्चों की मौत मामले की जांच के लिए गुजरात सरकार ने बनाई समिति
गुजरात के सबसे बड़े सिविल अस्पताल में शनिवार को एक साथ नौ बच्चों की मौत की खबर अहमदाबाद से गांधीनगर तक आग की तरह फैली।
अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। भाजपा शासित उत्तर प्रदेश में गोरखपुर के बीआरडी अस्पताल केबाद अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में एक ही दिन में नौ नवजात बच्चों की मौत से प्रशासन केहाथ-पांव फूल गए हैं। हालांकि अस्पताल प्रशासन यह कहकर अपना बचाव कर रहा है कि पांच बच्चे अन्य अस्पतालों से गंभीर हालत में रेफर होकर आए थे और पांच-छह बच्चों की मौत तो रोज होती है।
बहरहाल, सरकार ने घटनाक्रम की जांच के लिए मेडिकल एजुकेशन के उपनिदेशक डॉ. आरके दीक्षित की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया है। यह समिति जल्द ही सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
गुजरात के सबसे बड़े सिविल अस्पताल में शनिवार को एक साथ नौ बच्चों की मौत की खबर अहमदाबाद से गांधीनगर तक आग की तरह फैली। अव्यवस्था फैलने से रोकने के लिए प्रशासन ने अस्पताल में पुलिस तैनात कर दी। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि मरने वाले बच्चों में से पांच दूरस्थ इलाकों लूनावाड़ा, सुरेंद्रनगर, माणसा, वीरमगाम और हिम्मतनगर से रेफर होकर आए थे। यहां भर्ती किए गए बच्चों की हालत गंभीर थी, उनका वजन एक से सवा किलो था जबकि नवजात का औसत वजन ढाई किलो होता है।
बच्चे हैलाइन मैम्ब्रेन बीमारी से पीडि़त थे। अस्पताल अधीक्षक एमएम प्रभाकर ने डॉक्टरों की अनुपस्थिति के कारण बच्चों की मौत होने से इन्कार किया है। उन्होंने कहा, अस्पताल में चौबीसों घंटे डॉक्टर मौजूद रहते हैं। उन्होंने दावा किया कि मरीजों को जिला अस्पताल तब लाया जाता है जब उनकी हालत अत्याधिक गंभीर हो जाती है। उन्होंने बताया कि सिविल अस्पताल में 100 बेड का अत्याधुनिक आइसीयू है, लेकिन त्योहार के मौसम में मरीज बढ़ जाने से मौत का आंकड़ा भी अचानक बढ़ गया। बता दें कि बीते तीन दिनों में इस अस्पताल में 18 बच्चों की मौत हुई है।
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