गुजरात फैमिली कोर्ट ने पहली बार सुनाया महत्वपूर्ण फैसला, घरेलू हिंसा मामले में पति को दी ये सजा
पत्नी को गुजाराभत्ता न देने के मामले में गुजरात फैमिली कोर्ट जज एम.जे परिख ने पति को छह साल 8 महीने की सजा सुनाई है।
अहमदाबाद, जेएनएन। गुजरात के इतिहास में पहली बार फैमिली कोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए घरेलू हिंसा के एक मामले में पत्नी को गुजाराभत्ता नहीं देने पर पति को छह साल 8 महीने की सजा सुनाई है। कोर्ट के आदेश के बाद भी आरोपी पति पत्नी को गुजाराभत्ता नहीं दे रहा था।
याचिकाकर्ता बिनिता जोसेफ ने कोर्ट में बताया कि उसकी शादी रामोल में रहते क्लिमेन्ट जोसेफ का साथ हुई थी। लेकिन शादी के बाद दोनों की बीच छोटी-छोटी बात पर झगड़ा होता था। जिसके कारण वह अपने मायके आ गयी थी। वर्ष 2012 में उसने फैमिली कोर्ट में पति से गुजाराभत्ता के लिए अपील की थी। कोर्ट ने शुरुआत में 1500 रुपये गुजाराभत्ता देने का आदेश दिया था। उसका पति क्लिमेन्ट जोसेफ ने कोर्ट के आदेश के बाद जून 2012 से आज तक गुजाराभत्ता नहीं दिया है। 80 महीने में यह राशि 2.86 लाख रुपये होती है। कोर्ट द्वारा पति और उसके रिश्तेदारों को कई बार नोटिस जारी की गई है। लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं मिला।
फैमिली कोर्ट जज एम.जे परिख ने सुनवाई के बाद पति को तत्काल गिरफ्तार करने का आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि पत्नी पति के गुजाराभत्ता की हकदार है। अगर पति उसे गुजाराभत्ता नहीं देता है तो वह सजा का हकदार है। कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए पति को 6 साल आठ महीने की सजा सुनाई है साथ ही अहमदाबाद पुलिस आयुक्त को आदेश दिया है कि आरोपी को तत्काल गिरफ्तार जेल में बंद किया जाये।
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