‘ढबूड़ी माता’ पुलिस समक्ष हाजिर, कहा- किसी से एक रुपया भी नहीं लिया
पेथापुर गांव में रहकर दुख-दर्द खत्म करने के नाम पर लोगों में अंधविश्वास फैलाने के कथित आरोप में फंसे धनजी ओड उर्फ ढबूड़ी माता ने देर रात पुलिस के समक्ष सरेन्डर कर दिया।
अहमदाबाद, जेएनएन। गुजरात की राजधानी गांधीनगर के पास स्थित पेथापुर गांव में रहकर दुख-दर्द खत्म करने के नाम पर लोगों में अंधविश्वास फैलाने के कथित आरोप में फंसे धनजी ओड उर्फ ‘ढबूड़ी माता’ ने देर रात पुलिस के समक्ष सरेन्डर कर दिया। उसने पुलिस के सामने बयान दिया है कि उन्होंने किसी भी व्यक्ति को कैंसर की दवाई बंद करने को नहीं कहा है। उनके खिलाफ इस आशय की शिकायत करने वाले व्यक्ति को वे पहचानते भी नहीं है।
पुलिस की पूछताछ में ओड ने बताया कि सपने में माताजी ने ढबूड़ी के रूप में दर्शन दिया। उसके बाद वह रिक्शा ड्राइवर का व्यवसाय छोड़कर ढबूड़ी माता के रूप में प्रस्थापित हो गया वह अपनी सेवा के बदले किसी के एक रुपया भी नहीं लेता।
गुजरात में ढबूड़ी माता के नाम से प्रस्थापित हुए और लोगों का दुखः दूर करने की बात करने वाले धनजी ओड के खिलाफ पेथापुर पुलिस थाने में बोटाद के भीखाभाई माणिया ने शिकायत दर्ज करवायी है कि ओड़ ने उसके कैंसर ग्रस्त पुत्र की दवाई बंद करवाई थी, बाद में उसकी मौत हो गयी। इस शिकायत के बाद पुलिस ने धनजी ओड़ के नाम दो बार नोटिस जारी कर हाजिर होने का आदेश दिया था।
वह कल देर रात अचानक पुलिस के समक्ष हाजिर होकर अपना बयान दर्ज करवाया। उसने बताया कि वह वर्षों से रूपाल गांव में रहता था। उसके परिवार में पत्नी और दो पुत्र हैं। पुत्री के जन्म की इच्छा के कारण उसने जोगणी माता की मन्नत रखा। माता ने उसे सपने में आकर कहा कि तू मेरा ही अंश है। उसके बाद वह सपने में ढबूड़ी सी दिखने वाली माता के नाम पर खुद को ‘ढबूड़ी माता’ के रूप में प्रस्थापित किया।
पुलिस सब इंस्पेक्टर ए.जी. एनुरकार के साथ पूछताछ में धनजी ओड़ ने कबूल किया कि वह छाड़ फूंक के नाम पर किसी से एक रूपया भी नहीं लेता। तीन घंटे तक चली पूछताछ में उसने बताया कि बैंक में उसके परिवार का तीन एकांउट है। बैंक में मोमाई भक्त मंडल ट्रस्ट के खाते में 68 लाख रुपया जमा है। वह कक्षा आठ तक पढ़ा हुआ है। उसे कानून कायदा का ज्ञान नहीं है। इसलिए वह जवाब लिखने नहीं आया। इस दौरान वह दर्शन करने के लिए उज्जैन गया था।
वहीं भीखाभाई माणिया भी अपने अन्य दो गवाहों के साथ पुलिस स्टेशन आकर बयान दर्ज करवाया। उसने कहा कि वह धनजी ओड़ के पास अपने पुत्र को लाया था। वह कैंसर से पीड़ित था। ओड़ ने उसकी दवाई बंद करवा दी थी। उसके बाद उसकी मौत हो गयी थी।