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Gujarat: कांन्स्टेबल की हत्या के मामले में आजीवन कैद की सजा

Gujarat सेशन कोर्ट में सरकारी वकील अमित पटेल ने इस केस को दुर्लभतम बताते हुए दोषी को जीवन पर्यंत कारावास की सजा सुनाने की मांग की लेकिन सेशन कोर्ट ने इस मामले को रेर ऑफ द रेर मानने से इनकार कर दिया।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Thu, 22 Jul 2021 03:24 PM (IST)Updated: Thu, 22 Jul 2021 03:24 PM (IST)
Gujarat: कांन्स्टेबल की हत्या के मामले में आजीवन कैद की सजा
कांन्स्टेबल की हत्या के मामले में आजीवन कैद की सजा। फाइल फोटो

अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। क्राइम ब्रांच में कांन्स्टेबल चंद्रकांत मकवाणा की हत्या कर फरार हुए दोषी को सेशन कोर्ट ने आजीवन कैद की सजा और 25 हजार रुपये दंड की सजा सुनाई है। नारकोटिक्स के मामले में पूछताछ के लिए अहमदाबाद क्राइम ब्रांच की टीम मनीष बलाई नामक एक युवक की धरपकड़ कर अहमदाबाद ऑफिस लाई थी। अप्रैल, 2016 में रात को मौका पाकर मनीष कांस्टेबल चंद्रकांत मकवाणा की हत्या कर क्राइम ब्रांच की पीछे की दीवार कूद कर भाग गया था। पुलिस ने उसकी मोबाइल लोकेशन के आधार पर ट्रेस किया तथा वडोदरा के पास मियाणा से उसकी धरपकड़ की। सेशन कोर्ट में सरकारी वकील अमित पटेल ने इस केस को दुर्लभतम बताते हुए दोषी को जीवन पर्यंत कारावास की सजा सुनाने की मांग की लेकिन सेशन कोर्ट ने इस मामले को रेर ऑफ द रेर मानने से इनकार कर दिया। अहमदाबाद सेशन कोर्ट ने आरोपित को हत्या के मामले का दोषी मानते हुए आजीवन कैद की सजा सुनाई तथा 25 हजार रुपये का दंड लगाया। फरियादी पक्ष की ओर से इस मामले में 65 गवाह पेश किए गए। 

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