Gujarat: नित्यानंद आश्रम की स्थापना में आइएएस का नाम चर्चा में, सीएम ने मुख्य सचिव को किया तलब
Gujarat CM Vijay Rupani. गुजरात में कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता शक्ति सिंह गोहिल के ट्वीट के बाद सरकार हरकत में आई है।
अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। Gujarat CM Vijay Rupani. दो युवतियों के गुम होने के मामले में विवादों में आए नित्यानंद आश्रम की स्थापना में गुजरात के एक आइएएस का नाम चर्चा में आया है। मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने इस संबंध में मुख्य सचिव को जवाब तलब किया है। आश्रम मामले की जांच पुलिस, शिक्षा विभाग सहित तीन अलग अलग टीमें कर रही हैं।
कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता शक्ति सिंह गोहिल के ट्वीट के बाद सरकार हरकत में आई और नित्यानंद से संबंध रखने वाले व उसके आश्रम की स्थापना के लिए डीपीएस के साथ करार कराने में अहम भूमिका निभाने वाले आइएएस के बारे में रिपोर्ट मांगी है।
मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने खुद मुख्य सचिव डॉ जेएन सिंह को तलब कर इस मामले की रिपोर्ट देने को कहा है। गोहिल ने ट्वीट में लिखा है कि नित्यानंद आश्रम मामले में अहमदाबाद पुलिस ने अच्छा काम किया, लेकिन दुख इस बात का है कि एक आइएएस नित्यानंद को बचाने में लगा है। यह आइएएस अधिकारी नित्यानंद का भक्त है, उसी की पहल पर आश्रम व डीपीएस स्कूल के बीच जमीन करार हुआ है। गुजरात के बच्चों की सुरक्षा की खातिर इस आइएएस का भंडाफोड करना चाहिए।
अहमदाबाद में आश्रम की स्थापना में अहम भूमिका निभाने वाले आइएएस ने वर्ष 2014 में नित्यानंद को 25 किलो सोने का दान दिलाने में भी अहम भूमिका निभाई थी। गांधीनगर में आइएएस व आइपीएस लॉबी में ऐसी भी अटकलें है कि वडोदरा में इस आइएएस की नियुक्ति के दौरान एक अन्य धार्मिक संस्था के लिए उसने छह एकड़ जमीन की व्यवस्था कराई थी। अहमदाबाद कलेक्टर डॉ विक्रांत पांडे का कहना है कि सरकार के निर्देश पर पुलिस, शिक्षा विभाग, बाल अधिकार आयोग तीन अलग अलग टीमें इस मामले की जांच कर रही हैं। इधर, दो संचालिकाओं को गिरफ्तार कर उन्हें रिमांड पर भी लिया गया है।
डीपीएस स्कूल गुजरात बोर्ड से मान्यता प्राप्त नहीं है। इसकी मंजूरी सीबीएसइ से मिली है। शिक्षा विभाग ने स्कूल प्रशासन को नोटिस देकर इस मामले में जवाब तलब किया है।
भूपेंद्र सिंह चूडास्मा, शिक्षा मंत्री गुजरात
यह भी पढ़ेंः नित्यानंद आश्रम में गुम युवतियों को जल्द तलाशने के निर्देश