Gujarat: चार जिलों के 12.89 लाख परिवारों को मुहैया कराया नल से जलः विजय रूपाणी
Gujarat मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने कहा कि गुजरात के गांवों में सौ फीसद शौचालय के लक्ष्य की तरह अब सौ फीसद घरों तक नल से जल पहुंचाने का संकल्प कर महात्मा गांधी के ग्रामोत्थान की भावना को साकार करने का काम किया है।
अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। गुजरात ने महात्मा गांधी व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना साकार करते हुए चार जिलों गांधीनगर, मेहसाणा, पोरबंदर व आणंद जिले के हर घर तक नल से जल पहुंचाने के मिशन को पूरा कर दिखाया है। इससे गुजरात के 12 लाख 89 हजार ग्रामीण परिवारों को घर बैठे नल से जल उपलब्ध कराया जा रहा है। नर्मदा योजना के बाद ये दूसरी बड़ी योजना है, जिसे जलक्रांति के रूप में देखा जा रहा है। मुख्यमंत्री विजय रूपाणी व केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से इस योजना का ई शुभारंभ कराया। गांधी जयंती पर मुख्यमंत्री ने खुद इसकी घोषणा की। मुख्यमंत्री रूपाणी ने कहा कि गुजरात के गांवों में सौ फीसद शौचालय के लक्ष्य की तरह अब सौ फीसद घरों तक नल से जल पहुंचाने का संकल्प कर महात्मा गांधी के ग्रामोत्थान की भावना को साकार करने का काम किया है।
नल से जल योजना के तहत गांधीनगर के 3.10 लाख ग्रामीण घर, मेहसाणा के 5.11 लाख ग्रामीण घर, आणंद के 4.01 हजार तथा पोरबंदर के 67 हजार ग्रामीण घरों को घर बैठे जल उपलब्ध होगा। रूपाणी ने गांधी जयंती पर संकल्प जताया कि गुजरात में अकाल को भूतकाल बना दिया है। हैंडपंप मुक्त गुजरात व टैंकर मुक्त गुजरात बनाकर प्रदेश को रोगमुक्त तथा विकास का एक आधुनिक मॉडल राज्य बनाना है। उन्होंने कहा पहले सिंचाई व पेयजल की तंगी रहती थी, लेकिन अब नर्मदा के जल से सौराष्ट्र, कच्छ, उत्तर गुजरात के बांध व तालाब भी भरे जा रहे हैं। एक साथ चार जिलों को नल से जल योजना से जोडकर गुजरात ने एक उदाहरण पेश किया है।
इस बीच, केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय ने देश के सभी स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में स्वच्छ पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए 100 दिन के अभियान का शुभारंभ किया है। केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि यह अभियान देश के हर बच्चे के समग्र विकास को सुनिश्चित कर उनके चेहरे पर मुस्कान लाने का एक अवसर है। यह हमारी राष्ट्रपिता की 151वीं जयंती पर उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि होगी। शेखावत ने सभी मुख्यमंत्रियों और उप राज्यपालों से अपील करते हुए पत्र लिखा है। शेखावत ने लिखा कि आप अपने राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में इस 100 दिनों के अभियान का नेतृत्व करें। इसे जन आंदोलन बनाएं।