गुजरात भाजपा का कांग्रेस पर प्रहार- गांधी व नेहरु की तस्वीर पोस्ट कर लिखा कई साल तक कितनों को पहनाई टोपी
गुजरात भाजपा (Gujarat BJP) के प्रभारी रत्नाकर (Ratnakar) ने महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) व पंडित नेहरु (Pt.Jawahar Lal Nehru) की खादी टोपी (Khadi Topi) पहने तस्वीर पोस्ट कर कांग्रेस (Congress) पर आरोप लगाया कि उसने कई साल तक कितनों को टोपी पहनाई।
अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। गुजरात भाजपा के नवनियुक्त प्रभारी रत्नाकर ने इंटरनेट मीडिया पर गांधी टोपी को लेकर पोस्ट कर कांग्रेस पर प्रहार करने का प्रयास किया जिसे गुजरात की व महाराष्ट्र की अस्मिता व स्वतंत्रता सैनानियों से जोड़ते हुए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अर्जुन मोढवाडिया ने रत्नाकर को प्रभारी के पद से हटाने की मांग की है। मोढवाडिया अपने बयान में यह जोड़कर उप्र का अपमान कर बैठे की रत्नाकर उत्तर प्रदेश से आए हैं उन्हें गांधी टोपी का महत्व कैसे पता होगा।
प्रभारी रत्नाकर के गुजरात का पदभार संभालने के बाद से उनकी रणनीति पर सबकी नजर थी, मंगलवार को ट्वीट के जरिए जब उन्होंने महात्मा गांधी व पंडित जवाहर लाल नेहरु की खादी टोपी पहने तस्वीर पोस्ट कर कांग्रेस पर यह आरोप लगाया कि उसने कई साल तक कितनों को टोपी पहनाई। हालांकि गलती का अहसास होते ही उन्होंने उस पोस्ट को डिलीट कर दिया। इस पर गुजरात कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अर्जुन मोढवाडिया का कहना है कि ट्वीट डिलीट करने से विचारधारा डिलीट नहीं होती।
स्वतंत्रता सैनानियों का अपमान
मोढवाडिया ने कहा कि रत्नाकर ने अपनी अज्ञानता प्रकट की है, उन्हें आजादी के आंदोलन में गांधी टोपी की भूमिका का अहसास नहीं है। इसका मजाक बनाकर उन्होंने गुजरात व महाराष्ट्र की अस्मिता व स्वतंत्रता सैनानियों का अपमान किया है। पलटवार करते हुए मोढवाडिया अपने बयान में यह कह गये कि रत्नाकर उत्तर प्रदेश से आए हैं उन्हें गांधी टोपी के महत्व का पता कहां से होगा। राजनीतिक बयानबाजी में मोढवाडिया यह बात ही भूल गये कि 1857 में स्वतंत्रता संग्राम की चिंगारी भड़काने वाले मंगल पांडे उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के नगवा नामक गांव में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनके अलावा राम मनोहर लोहिया, जय प्रकाश नारायण, गणेश शंकर विद्यार्थी, अशफाक उल्ला खान जैसे सैकड़ों चर्चित सैनानी उत्तर प्रदेश से हुए थे। गुजरात में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं लेकिन दोनों दलों के नेताओं में विवादित बयानबाजी की जैसे होड़ लगी है।