Gujarat Election : राघव चड्ढा गुजरात में अपने चुनावी मिशन का करेंगे आगाज, पहले दौरे के लिए बनाया खास प्लान
गुजरात विधानसभा चुनाव 2022 (Gujarat Assembly Election 2022) के लिए आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) के चुनावी मिशन में और तेजी देखने को मिलेगी। राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा गुजरात में अपना चुनावी मिशन शुरू करने जा रहे हैं।
राजकोट, आनलाइन डेस्क। गुजरात विधानसभा चुनाव 2022 (Gujarat Assembly Election 2022) के लिए आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) के चुनावी मिशन में और तेजी देखने को मिलेगी। राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा गुजरात में अपना चुनावी मिशन शुरू करने जा रहे हैं। आम आदमी पार्टी के सह प्रभारी बनने के बाद राघव चड्ढा का कल गुजरात में पहला दौरा होगा। सूत्रों के हवाले से खबर आई है कि राघव चड्ढा 24 सितम्बर की सुबह राजकोट पहुंचेंगे। वहां उनकी आप के कार्यकर्ताओं और सीनियर लीडरशिप के साथ अहम मुलाकात होगी।
उसके बाद दोपहर में बड़ी प्रेस कॉन्फ्रेंस हो सकती है। सूत्रों ने बताया कि, गुजरात दौरे के दौरान राघव चड्ढा शाम में महात्मा गांधी के बचपन के निवास स्थान पहुंचकर बापू का आशीर्वाद लेंगे।
गुजरात बदलाव चाहता है
गुजरात विधान सभा चुनावों के लिए AAP का सह प्रभारी नियुक्त होने के बाद राघव चड्ढा ने ट्वीट कर कहा था कि, "मैं अरविंद केजरीवाल को धन्यवाद कहना चाहता हूं। उन्होंने मुझे एक बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। मैं अपनी पार्टी की उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए अपना खून, पसीना, आंसू बहा दूंगा और कड़ी मेहनत करूंगा। गुजरात बदलाव चाहता है, गुजरात अच्छी शिक्षा-स्वास्थ्य चाहता है। गुजरात केजरीवाल चाहता है।"
पार्टी की जीत के अहम सूत्रधार
सांसद राघव चड्ढा गुजरात से पहले सह-प्रभारी पंजाब रहते हुए आम आदमी पार्टी की जीत के अहम सूत्रधार रह चुके हैं। यह भी कहा जाता है कि राघव चड्ढा की बनाई रणनीति के जरिये ही आम आदमी पार्टी ने पंजाब चुनाव में ऐतिहासिक जीत हासिल की थी। राघव चड्ढा के कहने पर ही भगवंत मान को पंजाब में सीएम प्रत्याशी घोषित किया गया और नतीजा यह हुआ कि पंजाब में AAP ने ऐतिहासिक जीत हासिल की। इससे पहले राघव चड्ढा दिल्ली और पंजाब में अहम पदों पर काम कर चुके हैं। राघव चड्ढा कुशल राजनीतिज्ञ और प्रशासक माने जाते हैं।
गुजरात में इस बार त्रिकोणीय मुकाबले के आसार
भाजपा (BJP), कांग्रेस (Congress) व आम आदमी पार्टी काफी समय से गुजरात में अपनी जमीन तैयार करने का प्रयास कर रही है। तीनों ही दल विधानसभा की सभी 182 सीटों पर प्रत्याशी उतारने की बात कर रहे हैं। ऐसे में अधिकांश सीटों पर मुकाबला त्रिकोणीय होने की प्रबल संभावना है। पिछले दो चुनाव में आप के आ जाने से जहां कांग्रेस को सीधे नुकसान हुआ है। आप ने सूरत व गांधीनगर महानगर पालिका के चुनाव में कांग्रेस से प्रमुख विपक्षी दल का दर्जा भी छीन लिया। वैसे दिल्ली व पंजाब विधानसभा चुनाव के परिणाम भी दर्शाते हैं कि आप ने कांग्रेस के वोट बैंक पर सीधे कब्जा जमाया है।