Gujarat: पति मृत्युशैय्या पर, पत्नी बनना चाहती है मां; अस्पताल करेगा मदद
Gujarat अस्पताल प्रबंधन व चिकित्सकों ने मरीज की स्थिति का हवाला देते हुए महिला को अदालत से इजाजत लेने की सलाह दी। इस पर महिला ने मंगलवार को अधिवक्ता निलय पटेल के जरिये गुजरात हाई कोर्ट में तत्काल सुनवाई के लिए याचिका दाखिल की।
अहमदाबाद, शत्रुघ्न शर्मा। गुजरात हाई कोर्ट में दाखिल अपने तरह के पहले मामले में एक महिला ने गंभीर रूप से बीमार पति के स्पर्म से गर्भधारण की इच्छा जताते हुए इस संबंध में अस्पताल प्रबंधन को निर्देश देने की मांग की। याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश में अस्पताल प्रबंधन को मरीज का स्पर्म संरक्षित करने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई शुक्रवार को होगी। वडोदरा शहर के एक अस्पताल में भर्ती मरीज की हालत अत्यंत गंभीर बताई जाती है। चिकित्सक कोविड-19 के इस मरीज के बचने की संभावना बेहद कम बता रहे हैं। उनका कहना है कि मरीज शायद 24 घंटे भी न बच पाए। वह चेतन अवस्था में नहीं है। इस बीच, महिला ने अस्पताल प्रबंधन से अपने पति के बच्चे की मां बनने की इच्छा जताई।
अस्पताल प्रबंधन व चिकित्सकों ने मरीज की स्थिति का हवाला देते हुए महिला को अदालत से इजाजत लेने की सलाह दी। इस पर महिला ने मंगलवार को अधिवक्ता निलय पटेल के जरिये गुजरात हाई कोर्ट में तत्काल सुनवाई के लिए याचिका दाखिल की। इसमें महिला ने कहा कि इन विट्रो फर्टिलाइजेशन (आइवीएफ) / असिस्टेड रिप्रोडक्टिव टेक्नोलाजी (एआरटी) से उसे गर्भधारण की मंजूरी दी जाए। गुजरात हाई कोर्ट के जस्टिस एजे शास्त्री ने अपने अंतरिम आदेश में अस्पताल प्रबंधन को आइवीएफ/एआरटी की प्रक्रिया शुरू करने के लिए मरीज के स्पर्म का नमूना लेकर उसे चिकित्सा पद्धति से अच्छी तरह संरक्षित करने का निर्देश दिया। साथ ही, याचिकाकर्ता व सरकारी वकील को अदालत के फैसले से अस्पताल प्रबंधन को तत्काल अवगत कराने को कहा, ताकि स्पर्म संरक्षित करने की प्रक्रिया जल्द से जल्द शुरू हो सके। अदालत ने इस मुद्दे पर राज्य सरकार व अस्पताल प्रबंधन को 23 जुलाई को जवाब दाखिल करने को कहा है।
गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों से गुजरात में पहले मुकाबले कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में कमी आई है। कोरोना के नए मामलों के साथ इस बीमारी से मौतों की संख्या में भी कम हुई है। हालांकि प्रदेश के कुछ जिलों में कोरोना वायरस संक्रमण के अब भी नित नए मामले सामने आ रहे हैं। सरकार की संख्या की वजह से कोरोना संक्रमण में कमी आई है।