सरकारी दफ्तरों में आॅनलाइन होंगे काम, नगर पालिका के कामकाज भी आइएएस देखेंगे
महानगर पालिकाओं की तरह नगर पालिकाओं के प्रशासनिक कार्यों की देखरेख के लिए आयुक्त नियुक्त किए जाएंगे, जो आइएएस स्तर के होंगे।
शत्रुघ्न शर्मा, अहमदाबाद। गुजरात में अब सवा सौ मीटर के निर्माण कार्य के लिए स्थानीय निकाय से प्लान मंजूर कराने की आवश्यकता नहीं होगी। महानगर पालिकाओं की तरह नगर पालिकाओं के प्रशासनिक कार्यों की देखरेख के लिए आयुक्त नियुक्त किए जाएंगे, जो आइएएस स्तर के होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल अभियान को अपनाते हुए गुजरात के अधिकांश विभागों में जनता के काम आॅनलाइन होंगे, ताकि लोगों को सरकारी विभागों में चककर नहीं लगाने पड़े।
मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने गांधीनगर में गुजरात के 6 प्रादेशिक कमिश्नरेट की शुरुआत कराते हुए कहा कि महानगर पालिकाओं की तरह अब नगर पालिकाओं के प्रशासनिक देखभाल भी आइएएस स्तर के अधिकारी करेंगे। राज्य की सभी नगर पालिका के प्रशासन को वन अंब्रेला के तहत लाया जाएगा, ताकि उनकी प्रशासनिक दक्षता को सुधारने के साथ काम में पारदर्शिता लाई जा सके। मुख्यमंत्री ने राज्य की 8 मनपा, 162 नगरपालिका व 8 शहरी विकास प्राधिकरण को विकास के लिए 1010 करोड़ रुपये के चेक वितरित किए। रूपाणी ने घोषणा की है कि डिजिटल इंडिया के अभियान को गुजरात में अपनाते हुए सरकारी विभागों में होने वाले जनता के कार्यों को सभी विभागों में आॅनलाइन किया जाएगा।
स्थानीय निकायों से भवन निर्माण लिए अब आॅनलाइन मंजूरी दी जाएगी। साथ ही, राज्य की जनता पर भरोसा व्यक्त करते हुए सीएम ने सवा सौ वर्ग मीटर के निर्माण कार्य के लिए मंजूरी की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया है। सरकार के इस फैसले से जहां एक और जनता को सरकारी विभाग व स्थानीय निकाय के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। वहीं, प्रशासनिग कार्यों में भी गति आएगी। उधर, प्रशासन के जानकारों का मानना है कि सरकारी
विभागों में जनता के काम आॅनलाइन किए जाने से भ्रष्टाचार पर भी लगाम कसेगी। लोग जब अपने काम के लिए सरकारी कार्यालयों में अधिकारी व कर्मचारी से रूबरू मिलते हैं, तभी नकदी या अन्य किसी रूप में लेन देन होता है।