कांग्रेस के वार पर रूपाणी सरकार के दो मंत्रियों ने किया पलटवार
मंत्री गणपतसिंह वसावा व सामाजिक न्याय मंत्री ईश्वर परमार ने कहा कि कांग्रेस दलित व आदिवासियों के मामले में मगरमच्छ के आंसू बहा रही है।
अहमदाबाद, जेएनएन। उना कांड के बाद से दलित व आदिवासियों के मुद्दे पर सरकार को बार-बार कठघरे में खड़ा करने का प्रयास कर रही कांग्रेस पर सरकार के दो काबिना मंत्री ने जोरदार पलटवार किया है। भाजपा का दावा है कि अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति पर कांग्रेस राज में कम बजट खर्च होता था, जबकि भाजपा
शासन में बजट का बड़ा हिस्सा समाज के इस पिछडे तबके पर खर्च किया जा रहा है। कांग्रेस इन वर्गों के लिए विधानसभा में एक गैरसरकारी विधेयक लाई थी, जिसको सिरे से खारिज करते हुए सरकार ने कहा कि उससे अधिक रकम व सुविधाएं यहां पहले से दी जा रही है।
गुजरात सरकार के अनुसूचित जनजाति मंत्री गणपतसिंह वसावा व सामाजिक न्याय मंत्री ईश्वर परमार ने संयुक्त पत्रकार वार्ता में बताया कि कांग्रेस दलित व आदिवासियों के मामले में मगरमच्छ के आंसू बहा रही है। कांग्रेस को इन पिछडे वर्ग से कोई लगाव नहीं है तथा वह इनके भले के लिए कुछ भी करना नहीं चाहती है, लेकिन राज्य सरकार के पिछड़ा वर्ग के कल्याण के लिए किए गए कामों से चकित कांग्रेस सरकार को कठघरे में खड़ा कर दलित व आदिवासियों की हितैषी बनने का प्रयास कर रही है। उन्होंने बीते 4 दशक के आंकड़े पेश कर
स्पष्ट किया कि 17 साल में कांग्रेस ने दलितों पर 641 करोड़ रुपये ही खर्च किए, जबकि 22 साल में भाजपा सरकार ने 36828 करोड़ रुपये खर्च कर दिए। अनूसूचित जनजाति पर कांग्रेस बजट का 11 फीसद तक ही प्रावधान करती थी, जबकि भाजपा ने बजट बढ़ाकर 15 प्रतिशत तक किया है।
वसावा ने बताया कि कांग्रेस के शासन में दलितों पर सालाना 37,71 करोड रुपये खर्च होते थे, जबकि भाजपा शासन में दलित वर्ग पर सालाना 1664 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री विजय रूपाणी की सरकार ने डॉ अंबेडकर आवास योजना के तहत मिलने वाली राशि को 70 हजार से बढ़ाकर एक लाख 20 हजार रुपये कर
दिया। साथ ही, अंतरजातीय विवाह के तहत दी जाने वाली राशि भी 50 हजार से बढ़ाकर एक लाख रुपये किए गए हैं। प्राथमिक व माध्यमिक शाला के पिछडे वर्ग के बच्चों को गणवेश के लिए दी जाने वाली रकम भी दो गुनी कर 600 रुपये कर दी गई तथा कक्षा 9 की छात्राओं को मुफ्त साइकिल दी जाती है।
सामाजिक न्याय मंत्री परमार ने बताया कि सरकार ने गांव से आने वाले गरीब छात्र-छात्राओं को शहरों में पढ़ाई के दौरान रहने व खाने के लिए परेशानी उठानी पड़ती थी लेकिन सरकार ने अहमदाबाद, सूरत , राजकोट, भावनगर, वडोदरा, आणंद में समरस हॉस्टल बनवाऐ जहां दस हजार से अधिक बच्चे रहकर पढ़ाई कर रहे
हैं। परमार ने कहा कि कांग्रेस ने आजीवन डॉ भीमराव अंबेडकर को परेशान किया व उपेक्षित रखा, इसलिए उन्हें अंबेडकर का नाम लेने व दलित हितैषी बनने का कोई अधिकार नहीं है।
कांग्रेस पहले उना कांड तथा उसके बाद उच्चतम न्यायालय की ओर से एट्रोसिटी एक्ट को लेकर आरोपी की गिरफ्तारी से पहले जांच के आदेश को लेकर लगातार दलित मुद्दे पर सरकार पर हमला कर रही है। लोकसभा चुनाव तक कांग्रेस इस मामले को चलाना चाहती है, राजस्थान, मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ में होने वाले विधानसभा चुनाव में भी दलित विधायक जिग्नेश मेवाणी के जरिए कांग्रेस इस मामले में भाजपा को घेरने का प्रयास कर रही है लेकिन भाजपा के दोनों काबिना मंत्री ने आंकड़ों के साथ कांग्रेस के दावों को झुठला दिया है।