Move to Jagran APP

गुजरात हाईकोर्ट ने कहा, 18 साल तक बेटे को पालें पिता

गुजरात हाईकोर्ट ने कहा है कि पेरेंट्स बेटे की परवरिश 18 साल की उम्र तक करें।

By Manoj YadavEdited By: Published: Sun, 20 Mar 2016 09:31 AM (IST)Updated: Sun, 20 Mar 2016 09:32 AM (IST)
गुजरात हाईकोर्ट ने कहा, 18 साल तक बेटे को पालें पिता

अहमदाबाद। गुजरात हाईकोर्ट ने कहा है कि पेरेंट्स बेटे की परवरिश 18 साल की उम्र तक करें। जब तक कि वह बालिग होकर कमाने के लायक न हो जाए।

loksabha election banner

हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि माता-पिता को बेटी की देखभाल तब तक करना चाहिए जब तक वह शादी के लायक नहीं हो जाती। इसके अलावा उसकी शादी पर खर्च करना भी माता-पिता की जिम्मेदारी है।

हाईकोर्ट ने दलील दी कि सीआरपीसी की धारा 125 के तहत बेटे के लिए पेरेंट्स तब तक जिम्मेदार हैं जब तक कि वह 18 साल का नहीं हो जाता, यदि वह मानसिक रूप से या शारीरिक रूप से अनफिट नहीं है।

कोर्ट ने ये फैसला डॉक्टर दिनेश ओझा और उनकी पत्नी नीता के तलाक और उससे जुड़े भरण-पोषण के मामले में दिया। नीता ने साल 2006 में घर छोड़ दिया था और उसने सैटेलाइट पुलिस थाने में इस संबंध में एक शिकायत दर्ज कराई थी। वहीं डॉक्टर दिनेश ने मेहसाना में तलाक की अर्जी दी थी।

इस मामले में महिला ने अहमदाबाद के फैमिली कोर्ट में भरण-पोषण का केस दर्ज कराया था। अदालत ने इस मामले में दिनेश को आदेश दिया कि वह पत्नी और बेटे को खर्च दे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.