Move to Jagran APP

Gujarat : 26/11 हमले में मारे गए तीन मछुआरों के परिजनों को 12 साल बाद मिला मुआवजा

गुजरात के नवसारी जिले के जलालपुर तालुका के वंसी गांव के अन्य तीन मछुआरे नाटू राठौर मुकेश राठौर और बलवानी टंडेल के परिजन अब तक मौद्रिक हर्जाने का इंतजार कर रहे थे। इन्हें अब मुआवजा राशि दी गई है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Tue, 01 Dec 2020 05:20 PM (IST)Updated: Tue, 01 Dec 2020 05:20 PM (IST)
Gujarat : 26/11 हमले में मारे गए तीन मछुआरों के परिजनों को 12 साल बाद मिला मुआवजा
महाराष्ट्र सरकार सोलंकी के परिजनों को बहुत पहले ही हर्जाना दे चुकी है

नवसारी, प्रेट्र। पाकिस्तानी आतंकियों के हाथों 26/11 के मुंबई हमले में मारे गए पांच मछुआरों में से तीन के परिजनों को गुजरात सरकार ने बारह साल बाद पांच-पांच लाख रुपये का मुआवजा दिया है। इन मछुआरों को अलग-अलग प्रशासनों की ओर से मुआवजा राशि दी जाती रही है। गुजरात के नवसारी जिले के जलालपुर तालुका के वंसी गांव के अन्य तीन मछुआरे नाटू राठौर, मुकेश राठौर और बलवानी टंडेल के परिजन अब तक मौद्रिक हर्जाने का इंतजार कर रहे थे। इन्हें अब मुआवजा राशि दी गई है।

loksabha election banner

कैप्टन अमर सिंह सोलंकी समेत पांच अन्य मछुआरों वाली कुबेर नाम के ट्रॉला पर समुद्र में ही पाकिस्तानी आतंकियों ने कब्जा कर उनकी गोली मारकर हत्या कर दी थी। इनमें से चार मछुआरे गुजरात के थे जबकि कैप्टन सोलंकी दिवु का रहने वाला था।

मुंबई के पास पाई गई थी नाव

सोलंकी का शव नाव में ही मुंबई के तट पर मिला था। जबकि चार अन्य मछुआरों के शव कभी नहीं मिले। इसलिए महाराष्ट्र सरकार सोलंकी के परिजनों को बहुत पहले ही हर्जाना दे चुकी है। चूंकि यह नाव मुंबई के पास पाई गई थी, इसलिए सोलंकी के बेटे को पुलिस विभाग में एक नौकरी भी दी गई थी। जबकि गुजरात सरकार ने गिर के रहने वाले मछुआरे रमेश बंभानिया की पत्नी को नवंबर, 2019 में पांच लाख रुपये का मुआवजा दिया था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.