Narmada Water: नर्मदा के नीर पर मध्य प्रदेश और गुजरात में विवाद, रूपाणी बोले-कांग्रेस गुजरात विरोधी
Narmada water. मध्य प्रदेश के मंत्री के नर्मदा का पानी रोक देने के बयान के बाद गुजरात के सीएम विजय रूपाणी ने कहा कि जनहित विरोधी कांग्रेस की छवि उजागर हुई है।
अहमदाबाद, शत्रुघ्न शर्मा। नर्मदा के जल को लेकर 40 साल के इतिहास में पहली बार मध्य प्रदेश व गुजरात सरकार के बीच विवाद पैदा हो गया है। मध्य प्रदेश के मंत्री के नर्मदा का पानी रोक देने के बयान के बाद गुजरात के सीएम विजय रूपाणी ने कहा कि जनहित विरोधी कांग्रेस की छवि उजागर हुई है, वहीं भाजपा अध्यक्ष ने राज्यव्यापी आंदोलन की चेतावनी दी है।
गुजरात में शनिवार सुबह तक जब सरकार व प्रशासन सूखे की मार व जलसंकट से निपटने की कार्ययोजना पर काम कर रहे थे। इसी बीच, मध्य प्रदेश कांग्रेस सरकार की ओर से एक बुरी खबर आई कि नर्मदा नदी से गुजरात को मिल रहा पानी बंद कर देंगे। यह चेतावनी मध्य प्रदेश के सीएम कमलनाथ के मंत्री सुरेंद्र सिंह बघेल ने दी, जिसके बाद गुजरात की राजनीति भी गरमा गई। मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार की ओर से इस तरह की बात करना उचित नहीं है।
करार के मुताबिक 2024 तक कोई भी राज्यी किसी तरह का बदलावा नहीं कर सकता है। विस्थातपितों का कार्य वर्ष 2017 में ही पूर्ण हो चुका है, बांध को 138 मीटर तक जल से भरकर एक बार इसकी टेस्टिंग जरूरी है। मध्य प्रदेश सरकार के राजनीतिक इरादे व लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की हार की हताशा में ऐसा कदम उठा रही है। यह एक तरह से गंदी राजनीति करने का प्रयास है।
बीते 40 साल से इस परियोजना को लेकर कभी विवाद नहीं हुआ। कांग्रेस हमेशा नर्मदा विरोधी रही है, उसने हमेशा इस योजना को लटकाने का ही प्रयास किया है। इससे पहले प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने कांग्रेस को गुजरात विरोधी बताते हुए इस मुद्दे पर राज्यव्यापी आंदेालन की चेतावनी दी। सरदार सरोवर निगम के पूर्व अध्यक्ष एनवी पटेल ने कहा कि मध्य प्रदेश नर्मदा के करार के विरुद्ध नहीं जा सकता, अगर वह ऐसा करता है तो नर्मदा नियंत्रण प्राधिकरण तथा उच्चतम न्यायालय को इसमें दखल का अधिकार है। नर्मदा निगम के एक ओर पूर्वअध्यक्ष व पूर्व मंत्री जयनारायण व्यास ने मध्यप्रदेश व गुजरात सरकार को इस मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं करने की नसीहत दी। व्यास ने कहा आंदोलन की बात करना राज्य में चल रहे जलसंकट को बढ़ाने जैसा होगा, एनसीए इस विवाद का हल करने में सक्षम है, जिस सरकार को आपत्ति हो उसे वहां जाना चाहिए।
जानें, किसने क्या कहा
कांग्रेस गुजरात, किसान व नर्मदा विरोधी रही है। नर्मदा परियोजनाके विकास में हमेशा कांग्रेस पार्टी व कांग्रेस सरकारों ने बाधाएं खड़ी की हैं। नर्मदा को लेकर गुजरात कांग्रेस को मध्य प्रदेश सरकार के खिलाफ आंदोलन करना चाहिए, लेकिन वह कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को उप्रमें पुलिस द्वारा रोके जाने को लेकर सड़कों पर उतरी है।
-भरत पंड्या, गुजरात भाजपा प्रवक्ता।
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गुजरात की भाजपा सरकार के कुप्रबंधन के कारण आज राज्यों का किसान सिंचाई के पानी व जनता पेयजल के लिए तरस रही है। अपनी विफलता छिपाने के लिए सरकार अब नर्मदा विवाद को छेड़ रही है।
-अमित चावड़ा, गुजरात कांग्रेस के अध्यक्ष।
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गुजरात ने मध्य प्रदेश सरकार को नर्मदा परियोजना के तहत प्रभावित लोगों के पुनर्वास के लिए 400 करोड़ रुपये चुका दिए हैं, सरदार सरोवर बांध में 131 मीटर तक भराव जरूरी है। नर्मदा पर बने मध्य प्रदेश सरकार के बांधों में पर्यापत पानी है। जरूरत है तो सरकार उन पर बिजली पैदा करे गुजरात को बिजली पैदा करने के लिए बाध्यर नहीं करे, इससे बांध में जमा पानी समुद्र में बह जाएगा
-नितिन पटेल, उपमुख्य मंत्री गुजरात सरकार।