गुजरात के पूर्व मंत्री का आरोप, कुरियन करते थे ईसाई संस्थाओं की मदद
भारत में श्वेत क्रांति के जनक पद्म विभूषण से सम्मानित डॉ वर्गीज कूरियन अमूल के पैसे से ईसाई संस्थाओं की मदद करते थे।
अहमदाबाद, जेएनएन। भारत में श्वेत क्रांति के जनक पद्म विभूषण से सम्मानित डॉ वर्गीज कूरियन अमूल के पैसे से ईसाई संस्थाओं की मदद करते थे। अंग्रेजी मीडिया में उनके प्रभाव के चलते ही उनकी छवि को महान व्यक्ति के रूप में प्रचारित किया गया। यह कहना है गुजरात के पूर्व मंत्री व नाफैड के उपाध्यक्ष दिलीप संघाणी का।
गुजरात सहकारी दुग्ध एवं विपणन संघ अमूल सहित गुजरात मिल्क मार्केटिंग फैडरेशन, इंस्टीट्यूट ऑफ रुरल मैनेजमेंट तथा नेशनल डेयरी डवलपमेंट बोर्ड सहित कई संस्थाओं की स्थापना करने वाले डॉ वर्गीज कूरियन पर ईसाई धर्म की संस्थाओं को मिशनरी कार्य के लिए धन उपलब्ध कराने का आरोप लगा है।
गुजरात सरकार के पूर्व मंत्री एवं राष्ट्रीय क्रषि विपणन संघ नाफैड के उपाध्यक्ष दिलीप संघाणी ने यह बात कहकर समारोह में मौजूद लोगों को चौंका दिया। मौका था कूरियन की 97वीं जयंती पर आयोजित बाइक रैली का, लेकिन इस मौके पर भी संघाणी कूरियन पर आरोप लगाने से बाज नहीं आए। गत दिनों संघाणी ने गुजरात सरकार पर भी गतवर्ष मूंगफली खरीद में घाेटाले का आरोप लगाया था।
संघाणी ने मूंगफली के संग्रहण में लापरवाही भ्रष्टाचार को लेकर राज्य में नाफैड की ओर से मूंगफली खरीद से इनकार कर दिया था। हालांकि खुद रुपाणी ने मूंगफली खरीद घोटाले की बात स्वीकार कर ली थी लेकिन इसके बाद संघाणी का यह एक ओर चौंकाने वाला बयान सामने आया है।
देश में क्रषि व दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में क्रांति लाने वाले डॉ वर्गीज कूरियन ने गुजरात के आणंद शहर को अपनी कर्मस्थली बनाया तथा यहीं पर उनहोंने भारत की श्वेत क्रांति की नींव रखी। उन्होंने अमूल, जीसीएमएमएफ, इरमा, एनडीडीबी सहित तीन दर्जन संस्थाओं की नींव रखी। उनकीउल्लेखनीय सेवाओं के लिए उन्हें पहले पद्म भूषण तथा बाद में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।