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लद्दाख में हुए भारत-चीन टकराव के बाद बाजारों में बढ़ी भारतीय उत्‍पादों की मांग

लद्दाख में हाल ही में हुए भारत और चीन के टकराव के बाद भारत में बने उत्‍पादों की मांग बाजार में बढ़ गयी है।

By Babita kashyapEdited By: Published: Fri, 17 Jul 2020 07:24 AM (IST)Updated: Fri, 17 Jul 2020 07:24 AM (IST)
लद्दाख में हुए भारत-चीन टकराव के बाद बाजारों में बढ़ी भारतीय उत्‍पादों की मांग
लद्दाख में हुए भारत-चीन टकराव के बाद बाजारों में बढ़ी भारतीय उत्‍पादों की मांग

राजकोट, एएनआइ। गुजरात के राजकोट में खिलौना निर्माताओं का कहना है कि हाल ही में गलवान घाटी में भारतीय ओर चीनी सैनिकों के बीच हुए टकराव के बाद भारत में बने उत्पादों की बाजार में मांग बढ़ गयी है। एक निर्माता, सुभाष जाला ने बताया कि, "हम 200 से अधिक प्रकार के खिलौने विकसित करने की योजना बना रहे हैं। हमने 50 विभिन्न प्रकार केे खिलौनों के साथ शुरुआत की है।" 

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गौरतलब है कि लद्दाख की गलवन घाटी पर चीन के नापाक हरकत से गुस्‍साये लोगों ने सरकार से चीन निर्मित सामानों के आयात पर रोक लगाने के साथ ही स्वदेशी उत्पाद बढ़ाने पर जोर देने की मांग की है। इससे भारतीय बाजार की कमाई बढ़ेगी और देश सशक्त बनेगा। कोरोना लॉकडाउन के कारण आर्थिक तंगी झेल रहे दुकानदारों का चीन निर्मित सामान से मोह भंग हो चुका है। दुकानदार समेत खरीदारों ने भी स्वदेशी सामान अपनाकर भारत को आत्मनिर्भर बनाने का संकल्प लिया है। मोबाइल, कास्मेटिक, इलेक्ट्रानिक आइटम, व आटो पार्ट्स के सामान पर पूरी तरह से चाइना ने कब्जा किया हुआ है।

दरअसल ये सामान दाम में सस्‍ता होता है, भले ही गुणवत्‍ता में बेहतर न हों। अगर ऐसा उत्पाद अपने देश में ही सस्ती दरों पर उपलब्ध हो जाये तो भारतीय बाजार से चाइनीज वस्‍तुएं स्‍वयं खत्म हो जाएगी। कोरोना के कारण इस समय वैसे भी मंदी का दौर है लेकिन दुकानदार व ग्राहकों के बीच चीन के प्रति आक्रोश अभी भी देखने को मिल रहा है। नागरिकों का भी कहना है कि सरकार स्वदेशी को बढ़ावा देने के लिए विदेशी आयात पर रोक लगाए, तभी हमारा देश सशक्त एवं आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन सकेगा। मुंबई में बारिश का कहर: दो इमारत गिरने से सात की मौत, कई घायल

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