Crowdfunding: पूर्व आईपीएस संजीव भट्ट पर क्राउडफंडिंग का आरोप, कोर्ट ने दिए जांच के आदेश
Crowdfunding. पूर्व आईपीएस संजीव भट्ट के खिलाफ क्राउड फंडिंग का आरोप लगने पर कोर्ट ने जांच के आदेश दिए हैं।
अहमदाबाद, जेएनएन। हिरासत में मौत के मामले में सजा प्राप्त व नारकोटिक्स के एक मामले में पालनपुर जेल में सजा काट रहे पूर्व आईपीएस अफसर संजीव भट्ट पर एक और आरोप लगा है। फरियादी ने शिकायत की है कि उन्होंने क्राउडफंडिंग द्वारा 26 लाख रुपये की जालसाजी की है। मेट्रोपोलिटन कोर्ट ने पुलिस को जांच के आदेश दिए हैं।
गुजरात की राजधानी गांधीनगर निवासी अमित बलदेव सोलंकी ने मेट्रो कोर्ट में पेश किए गए मामले में कहा है कि उन्होंने ट्विटर और फेसबुक हैंडल पर इंडियन फाइल फॉर जस्टिस के बारे में पढ़ा था। इसके द्वारा डेढ़ करोड़ रुपये एकत्र किया जाना था। इस रकम को संजीव भट्ट को न्याय दिलाने सहित पांच मुद्दों पर खर्च करने की जानकारी दी गई थी। इसमें उनके तोड़ दिए गए मकान की मरम्मत करवाना भी शामिल था। उनके परिवार का खर्च भी इसी फंड से होना था।
फांडिंग के लिए कहा गया था कि संजीव भट्ट 2002 के मामले में महत्वपूर्ण गवाह है। परन्तु सुप्रीम कोर्ट ने इसे मानने से इनकार कर दिया था। हाईकोर्ट ने उनकी तथा अन्य 60 लोगों की पुलिस सुरक्षा भी वापस ले ली थी। इसके अतिरिक्त संजीव भट्ट के बंगले का कुछ हिस्सा अवैध निर्मित होने से हाईकोर्ट के आदेश पर ध्वस्त किया गया था। ड्राइव इन क्षेत्र में स्थित संजीव भट्ट के बंगले की कीमत तकरीबन 15-20 करोड़ है।
आवेदक का दावा है कि उसने प्रारंभ में सहानुभूति से प्रेरित होकर भट्ट के एकाउंट में 11 हजार रुपये जमा करवाया। आवेदक ने आरोप लगाया है कि संजीव भट्ट क्राउडफंडिंग को एकाउंटेड मनी का स्वरूप दे रहे हैं। इस अभियान द्वारा अभीतक 26 लाख रुपये एकत्र किए गए हैं। कोर्ट ने सीआरपीसी की धारा 202 के तहत पुलिस को जांच के आदेश दिए हैं।