तीन पाक जासूसों को न्यायालय ने सुनाई सजा, दो सालों की सजा; दस हजार का जु्र्माना भी लगा
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (इंटेलिजेंस)एस.सेंगाथिर ने बताया कि पाकिस्तान के सांगड़ जिले में खिंपरो निवासी नंदलाल पुत्र नरसिंह वैध पासपोर्ट एवं वीजा लेकर कई साल पहले जोधपुर आया था। वह जैसलमेर में सेना से जुड़ी सूचनाएं एकत्रित कर आईएसआई तक भेजता था।

जागरण संवाददाता,जयपुर। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के इशारे वैध पासपोर्ट एवं वीजा लेकर जासूसी के लिए भारत आए तीन पाक नागरिकों को कारावास की सजा सुनाई है। जयपुर मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट न्यायालय संख्या-सात ने तीनों पाक नागरिकों को जैसलमेर में भारतीय सेना की गोपनीय सूचनाएं आईएसआई तक भेजने का दोषी माना है।
दो धाराओं के तहत पाक जासूस नंदलाल को गिरफ्तार किया गया
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (इंटेलिजेंस)एस.सेंगाथिर ने बताया कि पाकिस्तान के सांगड़ जिले में खिंपरो निवासी नंदलाल पुत्र नरसिंह वैध पासपोर्ट एवं वीजा लेकर कई साल पहले जोधपुर आया था। वह जैसलमेर में सेना से जुड़ी सूचनाएं एकत्रित कर आईएसआई तक भेजता था। इंटेलिजेंस पुलिस ने 20 अगसत, 2016 को शासकीय गुप्त बात अधिनियम और विदेशी अधिनियम की धाराओं के तहत पाक जासूस नंदलाल को गिरफ्तार किया था।
तीनों पर लगाया गया दस हजार का जुर्माना
नंदलाल की मदद करने के आरोप में दो अन्य पाक नागरिकों गौरीशंकर एवं प्रेमचंद को भी गिरफ्तार किया गया था। दोनों सगे भाई हैं। दोनों पाकिस्तान से लांग टर्म वीजा पर भारत आने के बाद जोधपुर में रह रहे थे। इस मामले में इंटेलिजेंस पुलिस ने न्यायालय में चार्जशीट पेश की थी।
बृहस्पतिवार को सुनवाई के दौरान न्यायालय ने तीनों अभियुक्तों को शासकीय गुप्त बात अधिनियम की धाराओं में दोषी माने जाने पर सात साल की सजा सुनाई है। विदेशी अधिनियम में दोषी पाए जाने पर इन्हे दो वर्ष की सजा अलग से सुनाई गई है। तीनों पर दस हजार का जुर्माना भी लगाया गया है।

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