VIDEO: ध्वस्त किया गया सूरत का 85 मीटर ऊंचा कूलिंग टावर, 4 सेकेंड में मलबे में तब्दील हुआ पावर स्टेशन
Cooling Tower Collapsed सूरत में 1993 में तैयार किया गया 85 मीटर ऊंचे टावर को ध्वस्त कर दिया गया है। उतरन स्थित बिजलीघर के इस कूलिंग टावर को विस्फोटक ब्लास्ट तकनीक की मदद से गिराया गया। उत्तरन में स्थित ये गैस बेज पावर स्टेशन कई वर्षों से चालू था।
सूरत, जागरण डेस्क। Cooling Tower Collapsed: सूरत में 1993 में तैयार किया गया 85 मीटर ऊंचे टावर को ध्वस्त कर दिया गया है। उतरन स्थित बिजलीघर के इस कूलिंग टावर को विस्फोटक ब्लास्ट तकनीक की मदद से गिराया गया। बता दें कि केंद्र सरकार की गाइड लाइन के मुताबिक पुराने प्लांट को एक निश्चित वर्ष के बाद डिस्मेंटल करना होता है।
कई वर्षों से चालू था कूलिंग टावर
उत्तरन में स्थित ये गैस बेज पावर स्टेशन कई वर्षों से चालू था। बता दें कि उतरन में कुल 375 और 135 मेगावाट के दो संयंत्र चल रहे हैं। इसमें से 135 मेगावाट का संयंत्र बहुत पुराना हो गया था। केंद्र सरकारी की गाइड लाइन के अनुसार पुराने संयंत्रों को निर्धारित वर्षों के बाद बंद करना होता है। उतरन पावर स्टेशन में 135 मेगा वाट के प्लांट को बंद करने का काम पिछले दो साल से चल रहा था। आज कूलिंग टावर को ब्लास्ट के जरिए ध्वस्त करने का अभियान पूरा हुआ है।
चंद सेकंड में धूल बना टावर
कूलिंग टावर को नीचे गिराने के लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया गया। कुछ ही सेंकड में विशाल टावर धूल में तब्दील हो गया। इस टावर की कुल ऊंचाई 85 मीटर थी और इसमें 72 खंभे लगे हुए थे। बता दें इस टावर को गिराने के लिए तकनीकी टीम पिछले दो महीने से तैयारी कर रही थी। इस टावर को गिराने के लिए लगभग 220 किलो विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया। कंट्रोल्ड एक्सप्लोसिव ब्लास्ट टेक्नोलॉजी की मदद से यह विशाल टावर चंद सेंकड में धूल में बदल गई।
लोगों को किया गया टावर से दूर
इस दौरान लोगों को मास्क पहनने की सलाह दी गई और सब स्टेशन से कम से कम 200 मीटर के दायरे में किसी को भी प्रवेश नहीं होने के निर्देश दिए गए। यहां तक कि कुछ देर तक वाहनों को भी पास से नहीं गुजरने दिया गया। दमकल, नगर निगम पुलिस और पुलिस सहित एक टीम को घटनास्थल पर तैनात किया गया और आसपास की सड़कों को बंद रखने का विशेष ध्यान रखा गया। पुलिस की पीसीआर वैन भी आसपास के इलाकों में लगातार पेट्रोलिंग कर रही थी।