गुजरात तकनीकी विश्वविद्यालय में हिंदू स्टडीज कोर्स को लेकर विवाद, मुस्लिम स्कॉलर बोले- नौकरी नहीं मिलेगी
Gujarat Technical University गुजरात तकनीकी विश्वविद्यालय ने हिंदू स्टडीज (Hindu Studies) के नाम से एक स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम शुरू किया है जिसे लेकर विवाद उत्पन्न हो गया है। मुस्लिम स्कॉलर दानिश कुरेशी ने कोर्स पर इस बात को लेकर सवाल उठाया है कि इसके जरिए कोई नौकरी नहीं मिलने वाली।
अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। गुजरात सरकार (Gujarat Government) ने स्कूल कॉलेज में श्रीमद्भागवत गीता पढ़ाने का ऐलान किया था लेकिन इससे पूर्व गुजरात तकनीकी विश्वविद्यालय (Gujarat Technical University) ने हिंदू स्टडीज (Hindu Studies) के नाम से एक स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम शुरू किया है जिसको लेकर विवाद ही उत्पन्न हो गया है।
अहमदाबाद के चांदखेड़ा इलाके में स्थित गुजरात टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी में मास्टर ऑफ आर्ट्स इन हिंदू स्टडीज (Hindu Studies) नाम से एक स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम शुरू किया गया है। इसमें हिंदू दर्शन, हिंदुस्तान का इतिहास, संस्कृति संस्कार, गीता उपनिषद वेद व हिंदू धर्म से जुड़े अन्य विषयों को पढ़ाया जाएगा।
युवा पीढ़ी को मिल सके सभ्यता संस्कार की जानकारी
संकाय की प्रभारी डॉ श्रुति बताती हैं कि अब तक हमें ब्रिटिशर एवं मुगलों का इतिहास ही प्रमुख रूप से पढ़ाया गया लेकिन भारतीय एवं हिंदू संस्कृति के बारे में हिंदुस्तान के महान योद्धाओं के बारे में हमारी पीढ़ी को बहुत कम जानकारी है। जीटीयू के हिंदू स्टडीज प्रोग्राम में हिंदुस्तान एवं हिंदुत्व को केंद्र बिंदु में रखकर पाठ्यक्रम तैयार किया गया है ताकि हमारी युवा पीढ़ी को अपनी सभ्यता संस्कार एवं इतिहास की जानकारी हो सके।
यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर नवीन सेठ का कहना है कि लोगों को अपनी संस्कृति एवं हिंदू दर्शन के बारे में जानकारी देने तथा उनके विषयों को विधिवत रूप से पढ़ाई जाने के लिए जीटीयू में हिंदू स्टडीज राम से पाठ्यक्रम शुरू किया गया है जो निश्चित तौर पर हिंदू दर्शन एवं हिंदू धर्म में विश्वास रखने वाले एवं रुचि रखने वाले युवक-युवतियों को इसकी आधारभूत जानकारी उपलब्ध कराएगा।
कोई नौकरी नहीं मिलने वाली
उधर मुस्लिम स्कॉलर दानिश कुरेशी ने कोर्स पर इस बात को लेकर सवाल उठाया है कि इसके जरिए कोई नौकरी अथवा रोजगार पैदा होने वाला नहीं है तो फिर युवाओं को ऐसा पाठ्यक्रम पढ़ाई जाने का क्या अर्थ रहेगा। उनके इस कथन के जवाब में विश्व हिंदू परिषद के प्रवक्ता हितेंद्र सिंह राजपूत का कहना है कि भारतीय युवक युवतियों को अपनी सभ्यता संस्कृति एवं हिंदू धर्म की जानकारी देना आवश्यक है।
अपने धर्म एवं दर्शन के बारे में युवाओं को आवश्यक जानकारी होनी ही चाहिए ताकि वे अपने संस्कार एवं सभ्यता में उसका पालन कर सकें। अगर युवक-युवतियों को जानकारी नहीं होगी तो मैं अपने धर्म एवं संस्कृति को लेकर पूरी तरह अनभिज्ञ ही बने रहेंगे। जीटीयू का यह प्रयास काफी सराहनीय है।
विवादास्पद पाठयक्रम ला जिम्मेदारी से बचने का प्रयास
गुजरात कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता मनीष दोषी का कहना है कि गुजरात तकनीकी विश्वविद्यालय का काम तकनीकी शिक्षा में सुधार एवं उस को बढ़ावा देना है। विश्वविद्यालय के पास अपना भवन नहीं है उसके पास कोई फुल टाइम प्रोफेसर नहीं है लेकिन ऐसा विवादास्पद पाठ्यक्रम लाकर वह अपनी जिम्मेदारी से बचने का प्रयास कर रही है। गुजरात तकनीकी शिक्षा में लगातार पीछे जा रहा है लेकिन तकनीकी विश्वविद्यालय को धार्मिक विषयों में रूचि है जिसके कारण युवक-युवतियों को कोई लाभ होने वाला नहीं है।