Gujarat Assembly Election 2022: गुजरात में जातिगत गठजोड़ में जुटी कांग्रेस, ओबीसी और पाटीदार समुदाय पर खेलेगी दांव
Gujarat Assembly Election 2022 गुजरात में विधानसभा चुनाव में जीत के लिए कांग्रेस ओबीसी दलित पाटीदार व अल्पसंख्यक समुदाय पर दांव खेलेगी। यह रणनीति पूर्व मुख्यमंत्री माधवसिंह सोलंकी की खाम थियरी जैसी ही है। वर्ष 1985 में कांग्रेस ने इस समीकरण से रिकार्ड 149 सीट जीत ली थी।
अहमदाबाद, शत्रुघ्न शर्मा। गुजरात में कांग्रेस पाटीदार नेता हार्दिक पटेल की भरपाई खोडलधाम ट्रस्टी नरेश पटेल से करने की तैयारी में है। प्रदेश प्रभारी रघु शर्मा ने गत दिनों नरेश भाई से मिलकर उन्हें पार्टी आलाकमान के निर्णय से अवगत करा दिया। अब फैसला नरेश पटेल को करना है। कांग्रेस इसे जिताऊ फार्मूला मान रही है।कांग्रेस के उदयपुर चिंतन शिविर के बाद हालांकि गुजरात में कुछ बदलता नजर नहीं आ रहा। लेकिन पार्टी के पिछले कार्यक्रमों की समीक्षा के लिए पूर्व अध्यक्ष अमित चावडा, पूर्व नेता विपक्ष परेश धनाणी समेत सात सदस्यों की समिति का गठन किया गया है। विधानसभा चुनाव में जीत के लिए कांग्रेस ओबीसी, दलित, पाटीदार व अल्पसंख्यक समुदाय पर दांव खेलेगी। यह रणनीति पूर्व मुख्यमंत्री माधवसिंह सोलंकी की खाम (क्षत्रिय, दलित, आदिवासी और मुस्लिम) थियरी जैसी ही है। वर्ष 1985 में कांग्रेस ने इस समीकरण से रिकार्ड 149 सीट जीत ली थी।
दिनेश बामणिया बोले, नरेश पटेल कांग्रेस से ही राजनीतिक पारी शुरू करेंगे
कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने वाले हार्दिक पटेल कहते हैं कि तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की 1984 में हत्या के कारण सहानुभूति लहर से यह रिकार्ड जीत हुई। अन्यथा अगले ही चुनाव में खाम थियरी ढेर हो गई थी। पाटीदार आंदोलन में हार्दिक के साथी और नरेश पटेल के करीबी दिनेश बामणिया का मानना है कि नरेश भाई कांग्रेस से ही राजनीतिक पारी शुरू करेंगे, अन्यथा राजनीति से ही दूर रहेंगे। खोडलधाम की जिम्मेदारी के चलते नरेश पटेल फैसला नहीं कर पा रहे हैं। फिलहाल सिंगापुर की यात्रा पर हैं। सोमवार को लौटकर शायद वे इस संबंध में कोई एलान करें।
रघु शर्मा बोले, कांग्रेस में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा
कांग्रेस ने उदयपुर चिंतन शिविर के बाद एक समिति बनाई है, जो पार्टी के पिछले कार्यक्रमों की समीक्षा रिपोर्ट तैयार करेगी। विधायकों व पदाधिकारियों में कौन सक्रिय हैं और कौन नहीं, इस रिपोर्ट के आधार पर ही पार्टी टिकट का भी फैसला करेगी। प्रभारी डा रघु शर्मा का कहना है कि चिंतन शिविर के फैसले गुजरात में जल्द लागू होंगे। कांग्रेस में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। नरेश पटेल के संबंध में कहा कि पार्टी में आने का फैसला उनको करना है। माना जा रहा है कि गत दिनों मिलकर उन्होंने कांग्रेस आलाकमान का प्रस्ताव नरेश भाई के समक्ष रख दिया है, जिसमें उन्हें चुनाव प्रचार अभियान का चेहरा बनाने की सबसे अधिक संभावना है। इस पद पर गत चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री शंकरसिंह वाघेला की नजर थी। हाल में हार्दिक पटेल भी कुछ ऐसी ही जिम्मेदारी का दबाव बना रहे थे।