'स्टैचू ऑफ यूनिटी' का 80 फीसद काम पूरा, पीएम मोदी 31 अक्टूबर को करेंगे अनावरण
गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने बताया है कि 182 मीटर ऊंची प्रतिमा को 25 हजार टन के लोहे और 90 हजार टन सीमेंट से बनाया जा रहा है।
अहमदाबाद, जेएनएन। सरदार सरोवर नर्मदा बांध पर बन रही सरदार पटेल की दुनिया में सबसे ऊंची प्रतिमा 'स्टैचू ऑफ यूनिटी' का 80 फीसदी काम पूरा हो गया है। आगामी 31 अक्टूबर को पटेल की जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस प्रतिमा का अनावरण करेंगे। मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने अचानक प्रतिमा स्थल का दौरा कर कामकाज की समीक्षा की।
'स्टैचू ऑफ यूनिटी' की ऊंचाई 182 मीटर होगी, जो अमेरिका के स्टैचू ऑफ लिबर्टी से दो गुना ऊंची है। नर्मदा नदी पर साधुबेट टापू पर बन रही इस प्रतिमा का निर्माण अलग-अलग टुकड़ों में किया गया है। चाइना से तैयार सिर, पैर व धड़ अलग-अलग यहां पहुंच चुके हैं। करीब 57 हजार मीट्रिक टन लोहे के सरियों से ढांचा तैयार कर उस पर प्रतिमा का फ्रेम चढ़ाया गया है, अब इस प्रतिमा पर सरदार पटेल का चेहरा लगाना शेष है।
मोदी ने वर्ष 2010 में गुजरात के मुख्यमंत्री रहते 'स्टैचू ऑफ यूनिटी' के निर्माण की घोषणा की थी। इस प्रतिमा के निर्माण पर अब तक 2300 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं। प्रोजेक्ट की कुल लागत 2900 करोड़ रुपये प्रस्तावित है। केंद्र व गुजरात सरकार की आर्थिक मदद से तैयार इस प्रतिमा का लोकार्पण 31 अक्टूबर को प्रधानमंत्री मोदी करेंगे। राज्य सरकार ने अभी से इसकी तैयारियां शुरू कर दी है।
प्रतिमा के निर्माण में अब तक 68 हजार मीट्रिक टन कंक्रीट काम पूरा हो चुका है, जिसके लिए 57हजार मैट्रिक टन लोहे के सरिये का उपयोग किया जा चुका है। इस पर 1900 मीट्रिक टन का फ्रेम लगने के बाद पूरी प्रतिमा तैयार होगी। प्रतिमा के साथ इसके तल में आधुनिक तकनीक से युक्त म्यूजियम व लाइब्रेरी बनेगी। साथ ही, प्रतिमा के समानांतर एक ऊंची बिल्डिंग का निर्माण होगा, जिस पर जाकर प्रतिमा को दूर से निहारा जा सकेगा। सरकार का अनुमान है स्टैचू ऑफ यूनिटी को प्रतिदिन 15 हजार लोग देखने आएंगे।
गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने बताया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 31 अक्टूबर को सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती पर 'स्टैचू ऑफ यूनिटी' का उद्घाटन करेंगे। रूपाणी ने रविवार को नर्मदा जिले में स्थित सरदार सरोवर बांध के करीब केवड़िया में स्मारक की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार इस परियोजना पर तेजी से काम कर रही है और 31 अक्टूबर तक विशाल प्रतिमा पूरी हो जाएगी। उन्होंने बताया कि 182 मीटर ऊंची प्रतिमा को 25 हजार टन के लोहे और 90 हजार टन सीमेंट से बनाया जा रहा है। यह स्मारक उस महान नेता के लिए उपयुक्त है, जिसने देश की एकता और अखंडता के लिए अथक परिश्रम किया है।
उन्होंने बताया कि विशाल प्रतिमा के अलावा यहां आदिवासियों का संग्रहालय, खूबसूरत बगीचा और नौकायन की भी सुविधा होगी। यहां पर पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए विश्वस्तरीय सुविधाओं को सुनिश्चित किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि इस परियोजना की घोषणा वर्ष 2010 में की गई थी। इसके निर्माण के लिए राज्य सरकार ने विशेष उद्देश्य वाहन स्थापित किया था।