Gujarat: गांधी जयंती तक पांच जिलों के गांवों में 100 फीसद नल से जल पहुंचेगाः विजय रूपाणी
Gandhi Jayanti मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने कहा कि गुजरात सरकार 2022 तक पूरे गुजरात के गांवों तक नल से जल पहुंचाने को लेकर संकल्पबद्ध है।
अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। Gandhi Jayanti: गुजरात के पांच जिलों में गांधी जयंती तक सौ फीसद घरों में नल से जल पहुंचा दिया जाएगा। केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से वीडियो कॉन्फ्रेंस पर चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने यह भरोसा जताया। इनमें गांधीनगर, मेहसाणा, पोरबंदर, बोटाद व वडोदरा शामिल है। शेखावत के साथ समीक्षा बैठक में रूपाणी ने कहा कि देश के सभी गांवों तक नल से जल पहुंचाने की योजना 2022 में पूरी करने का लक्ष्य रखा गया है, लेकिन गुजरात के पांच जिले उत्तर गुजरात के गांधीनगर, मेहसाणा, मध्य गुजरात का वडोदरा तथा सौराष्ट्र के पोरबंदर व बोटाद जिले के सभी गांवों में आगामी दो अक्टूबर तक नल से जल पहुंचा दिया जाएगा।
गुजरात सरकार 2022 तक पूरे गुजरात के गांवों तक नल से जल पहुंचाने को लेकर संकल्पबद्ध है। रूपाणी ने बताया कि गुजरात के गांवों में 93 लाख तीन हजार घर हैं, इनमें से करीब 68,63 लाख घरों में नल से जल उपलब्ध हो रहा है। वर्ष 2020-21 में 11,15 लाख घरों को नल से जोड़ दिया जाएगा। चालू वर्ष में एक अप्रैल से अब तक 2,46 लाख घरों को नल से जोड़ा जा चुका है। गुजरात के 18191 गांवों में से 17899 गांवों को हाल पाइप लाइन के माध्यम से पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है। दिसंबर 2020 तक 6000 गांवों में नल से जल की योजना को पूर्ण कर लिया जाएगा। रूपाणी ने बताया कि गुजरात की जल व्यवस्था भारत सरकार के फ्लैगशिप कार्यक्रम जल जीवन मिशन के लिए मार्गदर्शक की भूमिका निभा रही है।
गुजरात सरकार ने 2002 में वॉटर एंड सेनीटेशन मैनेजमेंट ऑर्गेनाइजेशन वॉस्मो के जरिए समुदाय संचालित पेयजल वितरण व्यवस्था को सफलतापूर्वक लागू किया, जिसके चलते राज्य में 70 प्रतिशत गांवों में नल से जल पहुंचाया जा रहा है। आगामी गांधी जयंती तक पांच जिलों के सभी गांवों में सौ फीसद नल से जल की व्यवस्था कर दी जाएगी। केंद्र सरकार ने वर्ष 2020-21 में गुजरात को 883 करोड़ रुपये का अनुदान जारी किया था। इसमें राज्य का हिस्सा शामिल कर 1777 करोड़ रुपये ग्राम पंचायतों को घर-घर पेयजल पहुंचाने की सुविधा के लिए आवंटित किया गया। 15वें वित्त आयोग के अंतर्गत राज्य की स्थानीय निकायों को 3195 करोड़ रुपये का अनुदान दिया गया, जिसका 50 फीसद पेयजल व सेनीटेशन पर खर्च किया जाना है।