Gujarat Children’s Day 2019: गुजरात में आज मनाया जा रहा है अंतराष्ट्रीय बाल दिवस
Gujarat Children’s Day 2019 गुजरात सरकार इस बार 20 नवंबर को अंतराष्ट्रीय बाल दिवस मना रही है इस अवसर पर यहां कई स्थानों पर कार्यक्रमों और रैलियों का आयोजन किया जा रहा है।
अहमदाबाद, जेएनएन। गुजरात सरकार का सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग पहली बार 20 नवंबर को अंतराष्ट्रीय बाल दिवस मना रहा है। इस अवसर पर बाल अधिकार आयोग की अध्यक्ष जागृति पंड्या ने बाल अधिकारों की जागरुकता के लिए एक रैली को रवाना किया। वहीं जिला कलेक्टर ने बच्चों के लिए काम करने वाली संस्थाओं के साथ बैठक कर बाल अधिकारों को लेकर कई निर्देश भी दिए।
गौरतलब है कि हमारे देश में बाल दिवस को पंडित जवाहर लाल नेहरू के जन्मदिवस 14 नवंबर के दिन मनाया जाता है। जबकि विश्वभर में 20 नवंबर को ही बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है, लेकिन भारत में इस दिन को बाल अधिकार दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य लोगों को मासूम बच्चों के अधिकारों के बारे में जागरुक करना है। 20 नवंबर के दिन राष्ट्रीय कमीशन द्वारा एक बाल अधिकारों की सुरक्षा के लिए एक राष्ट्रीय सभा का आयोजन किया जाता है। 20 नवंबर के दिन राष्ट्रीय कमीशन द्वारा एक बाल अधिकारों की सुरक्षा के लिए एक राष्ट्रीय सभा का आयोजन किया जाता है।
क्या है बाल अधिकार?
सन् 1959 में बाल अधिकारों की घोषणा को 20 नवंबर 2007 को स्वीकार किया गया था। बाल अधिकार के अंतर्गत जीने का अधिकार, पहचान, भोजन, पोषण व स्वास्थ्य, विकास, शिक्षा, मनोरंजन, नाम व राष्ट्रीयता, परिवार व परिवारिक पर्यावरण, सुरक्षा और उपेक्षा, दुर्व्यवहार और गैर-कानूनी व्यापार आदि को शामिल किया गया है। बाल अधिकारों के प्रति लोगों को जागरुक करने के लिए इस दिन संगठनों, सरकारी विभाग और अन्य संस्थाओं द्वारा विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।
क्यों मनाया जाता है बाल दिवस
-18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों की जिम्मेदारी के प्रति माता-पिता को जागरुक करना।
- बाल अधिकारों को मजबूत करने के लिए समाज लगातार कार्य करें।
- इस बात को सुनिश्चित करना की बाल अधिकार के कानून, नियम और लक्ष्य का पालन करना।
- भारत वर्ष में प्रति वर्ष बाल अधिकार दिवस बच्चों के अधिकार और सम्मान को सुनिश्चित करने के लिए मनाया जाता है।
- कमजोर वर्ग के बच्चों के लिए नई बाल अधिकार नीति को बनाना और लागू करना।
- बच्चों पर होने वाली हिंसा, दुर्व्यवहार को रोकना, भविष्य के लिए सामाजिक और कानूनी अधिकारों का प्रचार करना।
- बच्चों का पालन-पोषण अच्छी तरह हो सके, उन्हें सुरक्षा और शिक्षा ठीक से मिल सके और इसके साथ मनोरंजन और खुशी पहुंचाना ही इसका उद्देश्य है।