रूस से प्रेमी को ढूंढने आई युवती, बेटी को खोने का डर
Russian girl. ब्वॉयफ्रेंड को ढूंढने भारत रूसी युवती को सरकारी सिस्टम के चलते बेटी को भी खोना पड़ सकता है।
अहमदाबाद, शत्रुघ्न शर्मा। रूस से अपने ब्वॉयफ्रेंड को ढूंढने भारत आई एक युवती को देश के सरकारी सिस्टम के चलते रूस में रह रही नाबालिग बेटी को भी खोना पड़ सकता है। भारत से लौटने के लिए आवश्यक दस्तावेज होने के बावजूद आप्रवासी कार्यालय की लापरवाही के खिलाफ उसने हाईकोर्ट में अर्जी लगाई है।
रसियन युवती अनास्तासिया लेऑन्सकेईया (38) 2016 में अपने ब्वॉयफ्रेंड को ढूंढने के लिए नेपाल व भारत आई थी। गत वर्ष उसका पासपोर्ट व सामान गुजरात के वलसाड में कहीं खो गया था। हाल वह अपने डेढ वर्ष के बेटे मेक्सिम के साथ वलसाड में रहती है। अनास्तासिया ने हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल कर अहमदाबाद के क्षेत्रीय आप्रवासी कार्यालय पर उनके रूस वापस जाने के लिए आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराने का आरोप लगाया है। अगर समय रहते अनास्तासिया रूस नहीं लौटी तो उसकी 11 साल की बेटी को वहां के कानून के मुताबिक अनाथाश्रम भेज दिया जाएगा तथा बाद में किसी को गोद दिया जाएगा।
अपना पासपोर्ट खो जाने के उसने रूस से भारत में ट्रेवल के लिए आवश्यक दस्तावेज मंगा लिया था, लेकिन भारत से वापस लौटने के लिए उसे अब क्षेत्रीय आप्रवासी कार्यालय से अनापत्ति प्रमाण पत्र की आवश्यकता है। वलसाड आप्रवासी कार्यालय ने एनओसी देकर आगे की कार्रवाई के लिए दस्तावेज अहमदाबाद एफआरआरओ कार्यालय को भेज दिया, लेकिन अस्थायी पासपोर्ट की आखिरी तिथि 19 जनवरी तक भी एफआरआरओ ने कोई कार्रवाई नहीं की।
अनास्तासिया ने रसियन दूतावास के माध्यम से दूसरा अस्थायी पासपोर्ट मंगवाकर फिर से वलसाड अप्रवासी कार्यालय से एनओसी लेकर अहमदाबाद एफआरआरओ को अर्जी भेजी है, लेकिन एक बार फिर सरकारी सिस्टम के चलते उसका रसिया लौटना मुश्किल नजर आ रहा है। इससे बचने के लिए अनास्तासिया ने हाईकोर्ट की शरण ली है।
न्यायाधीश एसी राव ने एफआरआरओ कार्यालय को नोटिस भेजकर आगामी आठ जनवरी तक जवाब मांगा है। अनास्तासिया के मामले को देखकर भारत के सरकारी सिस्टम की जड़ता साफ नजर आती है, जो आवश्यक दस्तावेज होने के बावजूद समय रहते कार्रवाई नहीं करके विदेशी नागरिकों के जीवन तक को संकट में डालने से भी नहीं चूकती।