सीआरपीएफ के दस कमांडो की हत्या में शामिल कुख्यात नक्सली गिरफ्तार
bihar maoist commander caught by gujarat ats. 2016 में बिहार में सीआरपीएफ की टीम पर हमला कर 10 जवानों को मौत के घाट उतारने वाले वान्टेड नक्सली राजेश को गुजरात आतंकवाद निरोध दस्ता ने गिरफ्तार कर लिया ।
अहमदाबाद, जेएनएन। गुजरात आतंकवाद निरोध दस्ता (एटीएस) ने दो वर्ष पहले 2016 में बिहार के औरंगाबाद जिले में सीआरपीएफ की टीम पर हमला कर 10 जवानों को मौत के घाट उतारने वाला वान्टेड नक्सली राजेश उर्फ गोपाल प्रसाद उर्फ उत्तम मोची (33) को वापी जिले से गिरफ्तार किया है। वह यहां नाम बदलकर एक कंपनी में नौकरी कर रहा था। उस पर हत्या, अपहरण सहित देशविरोधी के 50 से अधिक मामले दर्ज है। बिहार सरकार ने उस पर 50 हजार का इनाम भी रखा है।
गुजरात एटीएस ने बताया कि बिहार के गया जिले नीमच कबथानी के बहोरमां गांव निवासी आरोपी राजेश भारत कोम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) का सदस्य है। उसने वर्ष 2016 में बिहार के औरंगाबाद के जंगल क्षेत्र में अपने साथियों के साथ मिलकर ओटोमेटिक हथियारों से हमला कर सीआरपीएफ के 10 जवानों को मौत के घाट उतार दिया। मार्च 2017 में गुरपा के जंगल में पुलिस ने नक्सलियों को पकड़ने के लिए पूरे क्षेत्र को घेर लिया था। तभी मुठभेड़ में चार माओवादी मारे गये थे। इस मुठभेड़ में राजेश के हाथ पर गोली लगी थी और वह फरार हो गया था।
एटीएस के अधिकारियो ने शनिवार को बताया कि पिछले लंबे समय से आरोपी अलग-अलग राज्यों में छिपकर रहता था। इसी वर्ष आरोपी राजेश दमण में आने के बाद गोपाल प्रसाद नाम बदलकर यहां सिक्युरिटी गार्ड की नौकरी करता था। इसके बाद वह वापी की सुलपड़ गांव अपने एक संबंधी दिनेश दास को यहां आया था। दिनेश ने ही उसे वापी के भड़कमोरा क्षेत्र में स्थित क्रिएएटीव टेक्सटाइल कंपनी में हेल्पर के तौर नौकरी पर लगवाया ।
एटीएस ने बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर शुक्रवार रात उसे कंपनी में से गिरफ्तार कर लिया। कंपनी के मैनेजर की पूछताछ की गई है। वहीं आरोपी का संबंधी दिनेश दास फरार हो गया। एटीएस ने बताया कि आरोपी को देर रात पूछताछ के लिए अहमदाबाद एटीएस की आफिस लाया गया है।
बिहार सरकार ने 50 हजार का इनाम घोषित किया
बिहार राज्य के गया जिले का रहने वाला राजेश मोची पर अलग-अलग पुलिस थानों पर 50 से अधिक मामले दर्ज है। उसे पकड़ने के लिए बिहार की अलग-अलग पुलिस एजेन्सियां लगी हुई थी। हांलाकि पकड़ में न आने से बिहार सरकार ने उसे वान्टेड घोषित कर उसकी जानकारी देने वाले को 50 हजार रुपये देने की घोषणा की थी।
जमीन विवाद के चलते राजेश 2002 में कोम्युनिस्ट पार्टी में शामिल हुआ था
भारत कोम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के बिहार के जोनल कमान्डर राजेश मोची परिवारिक जमीन के हुए विवाद से स्थानिय प्रशासन से नाराज होकर वर्ष 2002 में कोम्युनिस्ट पार्टी में शामिल हुआ था। संगठन में शामिल होने के उसने अपने साथियों के साथ बिहार में आतंक मचा दिया था। हाथियारों के जरिए पुलिस ,सीआरपीएफ और अन्य सुरक्षा दलों पर हमला करने का शुरु किया था। उसने बिहार में छोटे-बडे व्यापारी , स्थानीय ठेकेदारो से फिरौती मांगता था। अगर कोई भी व्यापारी उसके खिलाफ आवाज उठाता या उसे रुपये नहीं देता तो उसकी हत्या कर देता था। इससे खुश होकर बिहार-झारखंड (मगध) एरिया इंचार्ज प्रधुम्न शर्मा ने उसे भारतीय क्म्युनिस्ट पार्टी का जोनल इन्चार्ज बना दिया । राजेश ने वर्ष 2016 में अनिल यादव, चंदन नेपाली व अन्य नक्सलियों के साथ मिलकर बिहार के ओरंगाबाद में घात लगाकर किए हमले में सीआरपीएफ के दस जवानों शहीद हो गये थे।