Bajrang Dal Trishul Diksha: गुजरात में बजरंग दल ने तीन हजार युवाओं को दी त्रिशूल दीक्षा
Bajrang Dal Trishul Diksha उत्तर गुजरात में हिम्मतनगर के स्वामी नारायण मंदिर में त्रिशूल दीक्षा का कार्यक्रम हुआ। इस कार्यक्रम में भाजपा सांसद दीप सिंह राठौड भी शामिल हुए। इस कार्यक्रम में करीब तीन हजार युवकों ने दीक्षा लेकर हिंदू समाज व हिंदू बहनों की रक्षा करने का संकल्प लिया।
अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। लव जिहाद, हिंदू लड़कियों के साथ विधर्मी लड़कों की छेड़खानी व हिंदुओं पर हमलों का जवाब देने के लिए बजरंग दल ने गुजरात में बड़ी संख्या में युवाओं को त्रिशूल दीक्षा दी। उधर, विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने भी मतांतरण के खिलाफ व मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त कराने की मांग को लेकर संत सम्मेलन बुलाया है। गुजरात में बीते कुछ समय की घटनाओं को लेकर बजरंग दल व विश्व हिंदू परिषद के नेता नाराज हैं। उत्तर गुजरात में हिम्मतनगर के स्वामी नारायण मंदिर में रविवार को त्रिशूल दीक्षा का कार्यक्रम हुआ। इस कार्यक्रम में भाजपा सांसद दीप सिंह राठौड भी शामिल हुए। इस कार्यक्रम में करीब तीन हजार युवकों ने दीक्षा लेकर हिंदू समाज व हिंदू बहनों की रक्षा करने का संकल्प लिया। बजरंग दल आगामी दिनों में तीन सौ युवकों को मार्शल आर्ट का प्रशिक्षण भी दिलाएगा।
बजरंग दल त्रिशूल दीक्षा के साथ तीन सौ युवकों को मार्शल आर्ट का भी प्रशिक्षण दिलाएगा
बजरंग दल के संगठन मंत्री राजेश पटेल ने कहा कि लव जिहाद के जरिए हिंदू लड़कियों का मतांतरण करने की साजिश चल रही है। धोलका में किशन भरवाड की बेरहमी से हत्या कर दी गई तथा हिंदू लड़कियों को परेशान करने की आए दिन घटनाएं होती हैं, जिसके विरोध में बजरंग दल त्रिशूल दीक्षा के साथ तीन सौ युवकों को मार्शल आर्ट का भी प्रशिक्षण दिलाएगा। बजरंग दल मीडिया प्रभारी भाविन पुरोहित ने बताया कि कार्यक्रम में लव जिहाद, लैंड जिहाद, गोहत्या, धर्मांतरण, मुस्लिम तुष्टीकरण जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई।
विहिप ने संत सम्मेलन बुलाया
उधर, विहिप ने मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने, गोशाला व धार्मिक संस्थाओं को करमुक्त रखने, मतांतरण करने वाले परिवारों को अनुसूचित जनजाति के आरक्षण से बाहर करने, देश को छूआछूत के मुद्दे पर मंगलवार को संत सम्मेलन बुलाया है। विहिप प्रवक्ता हितेंद्र सिंह राजपूत ने बताया सम्मेलन में उत्तर गुजरात की विविध धार्मिक संस्थाओं के संत भाग लेंगे। इसके बाद परिषद की ओर से केंद्र सरकार के नाम एक प्रस्ताव लाकर कानून के जरिए इन समस्याओं से मुक्ति दिलाने की मांग की जाएगी।