Gujarat: गुजरात में जीत से ओवैसी के बदले तेवर, पीएम मोदी को नसीहत व भाजपा को दी चेतावनी
Gujarat असदुद्दीन ओवैसी ने 1857 की क्रांति में मुसलमान उलेमाओं के योगदान को याद करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री आंदोलन करने वालों को आंदोलनजीवी बता रहे हैं। ओवैसी ने कहा मैं तो जब तक जिंदा हूं आंदोलनजीवी ही बनकर रहूंगा।
अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। Gujarat: मनपा चुनाव में सफलता मिलते ही एआइएमआइएम पार्टी के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी के तेवर बदल गए। मंगलवार देर रात गोधरा में हुई चुनावी सभा में सीएए, किसान कानूनों तथा तीन तलाक को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सीधे निशाना साधा। ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लीमीन पार्टी के सांसद असदुद्दीन ओवैसी नगर पालिका व पंचायत चुनाव का प्रचार करने मंगलवार को गोधरा पहुंचे थे। 1857 की क्रांति में मुसलमान उलेमाओं के योगदान को याद करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री आंदोलन करने वालों को आंदोलनजीवी बता रहे हैं। ओवैसी ने कहा मैं तो जब तक जिंदा हूं आंदोलनजीवी ही बनकर रहूंगा।
उनकी पार्टी की ओर से गिनी चुनी सीटों पर ही उम्मीदवार उतारने पर कटाक्ष करने वालों पर पलटवाकर करते हुए ओवैसी ने कहा कि जंगल में शेर तो एक ही होता है, जब शेर जंगल में निकलता है तो जानवर अपने आप रास्ता कर देते हैं। उन्होंने कहा कि जब वे संसद में बोलने के लिए खड़े होते हैं तो 543 सदस्यों में से कई यह सोचकर सतर्क हो जाते हैं कि ये शेरवानी, दाढी, टोपी वाला जाने क्या बोलेगा। औवेसी यहीं नहीं रुके, वे बोले ये लोग मुझ पर ताना मारते हैं कि आप तो दो-दो बीवियों वाले हो, इस पर औवेसी कहते हैं कि भाई मैं तो एक से परेशान हूं। तीन तलाक पर औवेसी ने कहा आपको मुस्लिम औरतों की चिंता कब से होने लगी। अगर तीन तलाक कानूनन मान्य ही नहीं है तो इसे अपराध कैसे मान लिया गया। मुस्लिमों के मत लेकर भाजपा में शामिल होने वाले कांग्रेसी नेताओं को आडे हाथ लेते हुए कहा कि क्या गजब एक्टर हैं। ढाई साल हीरो बनते हो और फिर खुद बिकने चले जाते हो।
ओवैसी ने गोधरा की मुस्लिम बस्तियों में स्कूल, अस्पताल, सफाई व अन्य सुविधाएं नहीं होने पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह कैसा सबका साथ सबका विकास है। रेल पटरी के एक ओर नगर पालिका खूब विकास करा रही है और दूसरी ओर कोई काम नहीं। धर्म के आधार पर भेदभाव संविधान का उल्लंघन है। वे बोले लड़कियां डॉक्टर, इंजीनियर, वैज्ञानिक बनें तो ही उनका विकास होगा लेकिन सेकेंडरी के बाद स्कूल ही नहीं है तो कैसे आगे पढ़ सकेंगी। ओवैसी ने मोदी को किसानों से बातचीत करने की नसीहत देते हुए एक शेर पढ़ते हुए भाषण खत्म किया, सितमगर की नजर से निजर मिलाकर जिएं, अगर दो दिन कम जिएं। इसमें हैरत क्या, हम उनके साथ थे जो शमा जलाकर दिए।