अंबाजी के प्रसाद का विवाद निपटा, पावागढ में श्रीफल पर रार, मां अंबा को सोने के थाल में लगा मोहनथाल का भोग
बनासकांठा जिले में स्थित शक्तिपीठ अंबाजी मंदिर का संचालन कर रहे जिला प्रशासन ने इस माह की शुरुआत से परंपरागत मोहनथाल प्रसाद को बंद कर उसकी जगह मूंगफली व मावे से बनी चिक्की के प्रसाद की बिक्री शुरु कर दी थी।
शत्रुघ्न शर्मा, अहमदाबाद। गुजरात सरकार ने शक्तिपीठ अंबाजी मंदिर के मोहनथाल के प्रसाद को लेकर उठा विवाद को शांत कराने के लिए मोहनथाल व चिक्की दोनों प्रसाद की बिक्री का निर्णय लिया है। जिला प्रशासन ने पहले मोहनथाल का प्रसाद बंद कर मूंगफली व मावे से बनी चिक्की की बिक्री शुरु कर दी थी। उधर पावागढ मंदिर प्रशासन ने मंदिर परिसर में श्रीफल बधेरने पर रोक लगा दी जिससे नया विवाद पैदा हो गया।
ह मूंगफली व मावे से बनी चिक्की
बनासकांठा जिले में स्थित शक्तिपीठ अंबाजी मंदिर का संचालन कर रहे जिला प्रशासन ने इस माह की शुरुआत से परंपरागत मोहनथाल प्रसाद को बंद कर उसकी जगह मूंगफली व मावे से बनी चिक्की के प्रसाद की बिक्री शुरु कर दी थी। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, विश्व हिंदू परिषद, संत - महात्मा व दांता राजपरिवार के अलावा श्रद्धालुओं ने परंपरागत मोहनथाल प्रसाद कीबिक्री बंद करने पर विरोध जताया इसके चलते सरकार ने मंत्री समूह की बैठक् कर चिक्की के साथ मोहनथाल की बिक्री को यथावत रखने का फैसला किया।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने मंत्री समूह के साथ बैठक कर की चर्चा
इस मुद्दे पर लोगों की नाराजगी के चलते मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने मंत्री समूह के साथ बैठक कर चर्चा की। सरकार के प्रवक्ता केबिनेट मंत्री ऋषीकेश पटेल ने बताया कि लोगों की आस्था का ध्यान रखते हुए सरकार ने अंबामाता मंदिर पर चिक्की व मोहनथाल दोनों तरह के प्रसाद कीबिक्री का निर्णय किया है। मोहनथाल प्रसाद की गुणवत्ता को लेकर आ रही शिकायतों के कारण इसकी बिक्री बंद की गई थी जिसे अब सुधारा जाएगा ताकि उसे दो से तीन सप्ताह तक ताजा रखा जा सके। मंदिर के पुजारी भट्टजी महाराज ने बुधवार को सोने के थाल में मोहनथाल का भोग लगाया।
अंबाजी मंदिर का विवाद सुलझा तो पावागढ मंदिर ट्रस्ट के एक निर्णय ने नया विवाद पैदा कर दिया, ट्रस्ट ने मंदिर परिसर में नारियल बधेरने पर रोक लगाते हुए कहा है कि मंदिर मे साबुत नारयिल ही चढाएं अथवा मंदिर के नीचे बने स्टेंड पर ही नारियल बधेर लें। लोगों ने ट्रस्ट के इस फैसले पर हैरानी के साथ नाराजगी जताई है। ट्रस्ट महामंत्री अशोक पंड्या ने बताया कि आस्था के साथ कोई छेडखानी नहीं है मंदिर की स्वच्छता को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय किया है।