Gujarat Politics: अल्पेश ठाकोर करेंगे शक्ति प्रदर्शन, हार के बाद से हैं हाशिए पर
Gujarat Politics अल्पेश ठाकोर रविवार को उत्तर गुजरात के मेहसाणा जिले में पदयात्रा कर शक्ति प्रदर्शन करेंगे। राधनपुर सीट से उपचुनाव में हार के बाद से अल्पेश हाशिए पर हैं तथा अब यात्रा के बहाने नई सीट की भी तलाश कर रहे हैं।
शत्रुघ्न शर्मा, अहमदाबाद। भाजपा नेता अल्पेश ठाकोर रविवार को उत्तर गुजरात के मेहसाणा जिले में पदयात्रा कर शक्ति प्रदर्शन करेंगे। राधनपुर सीट से उपचुनाव में हार के बाद से अल्पेश हाशिए पर हैं तथा अब यात्रा के बहाने नई सीट की भी तलाश कर रहे हैं। उत्तर गुजरात की ठाकोर समुदाय बहुल सीट राधनपुर, बहुचराजी व सिद्धधपुर पर हाल कांग्रेस का कब्जा है। जगदीश ठाकोर को कांग्रेस अध्यक्ष बनाए जाने के बाद अब भाजपा में ओबीसी मतबैंक को मजबूत करने की कवायद शुरू हुई है। गुजरात ओबीसी एकता मंच के जरिए ठाकोर समाज के नेता बने अल्पेश ठाकोर 2017 के चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर पहली बार विधानसभा पहुंचे, लेकिन लोकसभा चुनाव आते आते वे कांग्रेस छोड़ भाजपा के हो गए। विधानसभा उपचुनाव में अल्पेश को कांग्रेस नेता रघु देसाई के सामने हार का सामना करना पड़ा था। दरअसल अल्पेश ठाकोर के खिलाफ अन्य समुदाय के लोगों का ध्रुवीकरण हो जाने से अल्पेश चुनाव हार गए थे।
इस चुनाव के दौरान अल्पेश का मंत्रिमंडल में पक्का स्थान माना जा रहा था, लेकिन रघु के जातीय गठजोड के आगे उनकी एक नहीं चली। अब अल्पेश अपने लिए नई सीट की तलाश कर रहे हैं, जो ठाकोर बहुल बहुचराजी सीट हो सकती है। रविवार को मेहसाणा जिले के गांव मरतोरी से बहुचराजी तक उनकी आध्यशक्ति पदयात्रा का आशय भी यही माना जा रहा है। पदयात्रा के जरिए वे अपना शक्ति प्रदर्शन कर इस सीट पर अपनी दावेदारी जता सकते हैं। बहुचराजी सीट से कांग्रेस के युवा नेता भरतजी ठाकोर विधायक हैं, उनका मानना है कि अल्पेश इस पदयात्रा के जरिए शक्ति प्रदर्शन कर रहे हैं। उत्तर गुजरात में ठाकोर समाज काफी बडा समुदाय है। 20 किमी की पदयात्रा में आने वाले सभी गांव बहुचराजी विधानसभा के हैं, ऐसे में इसे राजनीतिक यात्रा के रूप में देखा जा रहा है। गत दिनों पूर्व मंत्री शंकर चौधरी व अल्पेश ठाकोर की मुलाकात हुई, जिसके बाद कहा गया कि दोनों नेताओं में कोई समझौता हुआ। इसके मायने अब ये निकाले जा रहे हैं कि चौधरी राधनपुर से तो अल्पेश बहुचराजी से दावेदारी करेंगे। बहुचराजी से भाजपा के टिकट पर पूर्व गृह राज्यमंत्री रजनी भाई पटेल ने चुनाव लडा था अगर उनकी दावेदारी समाप्त हो जाती है तो इसका सीधा फायदा पूर्वमंत्री शंकर चौधरी को हो सकता है।