बिटकॉइन मामले में पूर्व विधायक नलिन कोटडिया सात दिन के रिमांड पर
बिटकॉइन ठगी मामले में गुजरात के पूर्व विधायक नलिन कोटडिया को स्थानीय अदालत ने 7 दिन के रिमांड पर भेजा है।
अहमदाबाद, जेएनएन। करोड़ों की बिटकॉइन ठगी मामले में गुजरात के पूर्व विधायक नलिन कोटडिया को स्थानीय अदालत ने सात दिन के रिमांड पर भेजा है। सीआईडी क्राइम ने दस दिन का रिमांड मांगा था। कोटडिया लंबे समय से फरार थे, पुलिस ने उनके पास से 25 लाख की नकदी बरामद की है।
गुजरात के सूरत में दिव्येश दरजी ने बिटकॉइन ठगी का एक नेटवर्क बनाकर सैकड़ों करोड़ रुपयों की लोगों से ठगी की थी। पूर्व विधायक नलिन कोटडिया भी इस लेन देन में शामिल थे। एक सौदे के लिए उन्होंने 66 लाख रुपये की डील की, जिसमे से उन्हें 35 लाख रुपये मिल चुके थे। इनमें से 25 लाख रुपये सीआईडी क्राइम ने सोमवार को बरामद कर लिए।
पुलिस कोटडिया को महाराष्ट्र से गिरफ्तार करके लाई थी। सोमवार को स्थानीय अदालत में पेश कर दस दिन का रिमांड मांगा। सरकारी वकील वर्षा राव ने बताया कि कोटडिया इतने दिन किसके संपर्क में रहे तथा किस किस से उनका लेन देन रहा इसकी जांच के लिए कोटडिया को रिमांड पर लिया गया है।
गौरतलब है कि अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने बिटकॉइन एक्सटॉर्शन केस में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व विधायक नलिन कोटडिया को महाराष्ट्र के धूलिया से गिरफ्तार किया था।
सूरत के बिल्डर से 12 करोड़ से अधिक के बिटकॉइन ठगने के मामले में पुलिस अधिकारियों पर शिकंजा कसने के बाद क्राइम ब्रांच ने भाजपा के पूर्व बागी विधायक नलिन कोटडिया की घेराबंदी शुरू कर दी थी। कोटडिया की धरपकड़ के लिए धारी के जंगलों में पुलिस उन्हें तलाश कर रही थी।
सीबीआई व गुजरात पुलिस के पुलिस अधीक्षक, पुलिस निरीक्षक अधिकारियों ने सूरत के बिलडर शैलेष भट्ट से एक मामले में पूछताछ के दौरान 12 करोड़ के बिटकॉइन अपने खाते में ट्रांसफर करा लिए तथा लाखों की नकदी लूट ली थी। गुजरात सरकार ने सीआईडी क्राइम को इस मामले की जांच सौंपी है, जिसने एसपी व अन्य आरोपी पुलिस अफसरों की धरपकड़ करने के साथ इस मामले में मुख्य साजिशकर्ता किरीट पालडिया को भी गिरफ्तार किया जा चुका है, लेकिन अब पूर्व विधायक नलिन कोटडिया से पूछताछ के लिए सीआइडी उन्हें दो सम्मन भेज चुकी है।
इस बीच, कोटडिया मौका पाकर भूमिगत हो गए थे। उनके धारी के जंगलों में छिपे होने की खबर पर पुलिस ने वहां कई जगहों पर छापेमारी भी की है लेकिन वे पकड़ से बाहर थे। उन्हें पूछताछ के लिए बुलाने के लिए सीआईडी क्राइम ने दो सम्मन भी भेजे, लेकिन कोटडिया भूमिगत थे।