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School Reopen in Gujarat: गुजरात में 9 माह बाद खुले स्‍कूल-कॉलेज, जानें क्‍या कहना है अभिभावकों का

School Reopen in Gujarat कोराना महामारी के करण गुजरात में बीते 9 माह से बंद पड़े स्‍कूल और कॉलेज को खोल दिया गया है। प्रथम चरण में कक्षा 10 वह 12वीं की कक्षाएं खोली गई है। हालांकि अभिभावक संगठन तथा कई अभिभावक स्कूल कॉलेज खोलने का विरोध कर रहे हैं।

By Babita KashyapEdited By: Published: Mon, 11 Jan 2021 11:20 AM (IST)Updated: Mon, 11 Jan 2021 11:20 AM (IST)
School Reopen in Gujarat: गुजरात में 9 माह बाद खुले स्‍कूल-कॉलेज, जानें क्‍या कहना है अभिभावकों का
गुजरात में सोमवार से स्कूल में कॉलेज खुल गए हैं।

अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। गुजरात में सोमवार से स्कूल में कॉलेज खुल गए हैं। प्रथम चरण में कक्षा 10 वह 12वीं की कक्षाएं तथा स्नातक व स्नातकोत्तर की अंतिम वर्ष की कक्षाएं खोली गई है। विद्यार्थियों के स्कूल आने के लिए अभिभावकों की स्वीकृति अनिवार्य की गई है। कोरोना महामारी के चलते करीब 9 माह तक स्कूल कॉलेज बंद रखने के बाद आखिर गुजरात सरकार ने सोमवार से स्कूल व कॉलेज खोलने का फैसला किया था। कक्षा 10 तथा कक्षा बारहवीं की कक्षाओं को सोमवार से खोला गया है

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 सरकारी तथा निजी स्कूल है तथा कॉलेज को सरकार की ओर से इसके निर्देश पहले ही जारी कर दिए गए थे। पूर्ण  संक्रमण की आशंकाओं को देखते हुए स्कूल कॉलेज पर छात्र छात्राओं के बीच शारीरिक दूरी रखने मुख्य दरवाजे पर उनका तापमान जांचने तथा हाथ सैनिटाइजर करने की व्यवस्था करने को कहा गया है। मंत्री भूपेंद्र सिंह चूडास्‍मा ने स्पष्ट कर दिया है कि राज्य में किसी भी छात्रों को मास प्रमोशन नहीं दिया जाएगा। पहले चरण में दसवीं तथा बारहवीं की कक्षाएं खोली जा रही हैं इन दोनों ही कक्षाओं की बोर्ड की परीक्षाएं ली जाएंगी। मंत्री ने कहा है कि जितना कोर्स पढ़ाया जाएगा उतने ही कोर्स की परीक्षा ली जाएगी। हालांकि अभिभावक संगठन तथा कई अभिभावक अभी भी स्कूल कॉलेज खोलने के विरोध में हैं। उनका साफ कहना है कि कोरोना वायरस को काबू में करने के लिए हाल कोई पुख्ता व्यवस्था उपलब्ध नहीं है। 

खराब हो न हो एकेडमिक कैरियर

टीकाकरण अभियान भी अभी शुरु नहीं हुआ है तथा कोरोना संक्रमण फैलने की दशा में सरकार किस तरह इंतजाम करेगी ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है। स्कूल आने वाले छात्र-छात्राओं में भी किसी को संक्रमण होता है तो छोटे बच्चों को किस तरह आइसोलेट किया जाएगा तथा क्‍वारंटाइन किया जाएगा इसका कोई रोडमैप भी नहीं है। गुजरात सरकार ने पिछली कैबिनेट मीटिंग में स्कूल कॉलेज खोलने का निर्णय किया था। सरकार का साफतौर पर मानना है कि छात्र-छात्राओं का एकेडमिक कैरियर खराब नहीं हो तथा चालू वर्ष में छात्र छात्राओं को अध्ययन वह परीक्षा की जैसी भी उचित व्यवस्था हो उसे पूरी कराई जा सके।

हालांकि निजी स्कूल संचालक स्कूल खोले जाने के पक्ष में होने के कारण भी सरकार दबाव में हैं। जब तक स्कूल नहीं खोले जाएंगे अभिभावक बच्चों की फीस जमा नहीं कराएंगे। शिक्षा मंत्री चूडास्‍मा ने स्कूल फीस को लेकर पहले ही घोषणा कर दी थी कि कोरोना महामारी के काल में 25 फ़ीसदी शिक्षण शुल्क घटाकर शेष 75 फ़ीसदी फीस जमा कराने का विकल्प दिया था जिसे कई स्कूल संचालक तथा अभिभावक स्वीकार भी कर चुके हैं।

 छात्र-छात्राओं तथा अभिभावकों में दिखी उत्‍साह की कमी

 स्नातक तथा स्नातकोत्तर के अंतिम वर्ष की कक्षाएं भी सोमवार से शुरु हो जाएंगी। सरकारी तथा निजी कॉलेज कोरोना वायरस के बीच सभी आवश्यक व्यवस्थाओं के साथ इनका संचालन करेंगे। गौरतलब है कि अंतिम वर्ष के छात्र-छात्राओं को सरकार बिना परीक्षा लिए पास नहीं करना चाहती है। कक्षाएं शुरू करके उनकी परीक्षाएं लिए जाने के अलावा और दूसरा कोई विकल्प नहीं है। हालांकि स्कूल व कॉलेज खोले जाने को लेकर छात्र-छात्राओं तथा अभिभावकों में पहले जैसा कोई उत्साह नजर नहीं आ रहा है। जबकि कुछ अभिभावक में माताओं का मानना है कि बच्चों की स्कूल जाने से ही उनकी व्यवस्थित शिक्षा हो पाएगी।


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