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Gujarat: अवमानना के मामले में वकील यतिन ओझा को हाई कोर्ट से नहीं मिली राहत

Advocate Yatin Ojha गुजरात हाई कोर्ट ने अवमानना के मामले में वकील यतिन ओझा को बिना शर्त माफी मांगने के आग्रह को भी ठुकरा दिया है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Thu, 27 Aug 2020 04:45 PM (IST)Updated: Thu, 27 Aug 2020 04:45 PM (IST)
Gujarat: अवमानना के मामले में वकील यतिन ओझा को हाई कोर्ट से नहीं मिली राहत
Gujarat: अवमानना के मामले में वकील यतिन ओझा को हाई कोर्ट से नहीं मिली राहत

अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। Advocate Yatin Ojha: उच्चतम न्यायालय में वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण के मामले में पेंच फंसा हुआ है, लेकिन गुजरात में वरिष्ठ वकील यतिन ओझा को लेकर हाई कोर्ट बहुत सख्त है। अदालत की अवमानना के मामले में उन्हें कोई राहत देने को तैयार नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने भले ओझा की वरिष्ठता छीने जाने पर उदारता दिखाई हो, लेकिन हाईकोर्ट में कोई राहत देने की गुंजाइश नजर नहीं आती। गुजरात उच्च न्यायालय की न्यायाधीश सोनिया गोकानी व न्यायाधीश एनवी अंजारिया की खंडपीठ ने वरिष्ठ वकील यतिन ओझा की ओर से अदालत की अवमानना मामले में बिना शर्त माफी मांगने के आग्रह को भी ठुकरा दिया है। हाईकोर्ट ने कहा कि ओझा ने आवेश में आकर अदालत की अवमानना की हो ऐसा नहीं लगता।

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ओझा ने अन्य साथी वकीलों को भी आमंत्रित किया तथा करीब 30 घंटे पहले पत्रकारों को भी सूचित कर प्रेस वार्ता का आयोजन किया था। हाई कोर्ट का यह भी मानना है कि ओझा ने अपने वक्तव्य में यहां तक कहा कि उन्हें अदालत की अवमानना का कोई डर नहीं है। ओझा ने खंडपीठ के समक्ष बिना शर्त माफी मांगने की बात कही, लेकिन अदालत ने यह कहते हुए ठुकरा दिया कि ओझा का माफीनामा कागज पर लिखे केवल शब्दों जैसा है। ओझा अपनी बात पर टिके रहें इसकी कोई गारंटी नहीं है। इनका स्वभाव भी इस तरह का रहा है कि अदालत की गरिमा को लेकर उनके मन में कोई महत्व नहीं है।

न्यायाधीश गोकानी व न्यायाधीश अंजारिया ने बड़े ही सख्त लहजे में कहा कि एडवोकेट ओझा के लिए माफी अपने गलत व्यवहार को छिपाने का महज एक साधन है। हाईकोर्ट ने ओझा के वरिष्ठ वकील के ओहदे को समाप्त कर दिया था। उच्चतम न्यायालय ने ओझा के माफी मांगने पर उनका वरिष्ठ वकील होने के अधिकार को बहाल करने पर सहमति जता दी, लेकिन हाई कोर्ट इस मामले पर भी अभी सख्त नजर आ रहा है। ओझा की ओर से दिए गए बयानों के बाद गुजरात उच्च न्यायालय ने स्वत संज्ञान लेते हुए ओझा के खिलाफ कार्यवाही की थी। इस मामले में अगली सुनवाई 17 सितंबर को होगी।

गौरतलब है कि यतिन ओझा ने 2002 में गुजरात विधानसभा का चुनाव कांग्रेस के टिकट पर तत्कालीन मुख्यमंत्री (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) के खिलाफ लड़ा था। इससे पहले वह भाजपा से विधायक रह चुके थे। एडवोकेट यतिन ओझा गुजरात हाई कोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन के लंबे समय से अध्यक्ष हैं। अदालत की अवमानना मामले में हाईकोर्ट ने उनकी वरिष्ठता की पदवी को समाप्त कर दिया था। 


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