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Gujarat: सूरत में महिला और उसकी बेटी से दुष्कर्म व हत्या के आरोपित दोषी करार

Gujarat सूरत में एक महिला और उसकी 11 वर्षीय पुत्री के साथ वर्ष 2018 में दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले में हरसहाय गुर्जर व उसके भाई हरिओम गुर्जर को कोर्ट ने दोषी पाया है। विशेष अदालत दोषियों को सात मार्च को सजा सुनाएगी।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Sat, 05 Mar 2022 08:30 PM (IST)Updated: Sat, 05 Mar 2022 09:34 PM (IST)
Gujarat: सूरत में महिला और उसकी बेटी से दुष्कर्म व हत्या के आरोपित दोषी करार
गुजरात के सूरत में मां और बेटी से दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले में आरोपित दोषी करार। फाइल फोटो

अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। गुजरात के सूरत में एक महिला और उसकी 11 वर्षीय पुत्री के साथ वर्ष 2018 में दुष्कर्म के बाद हत्या के मामले में हरसहाय गुर्जर व उसके भाई हरिओम गुर्जर को कोर्ट ने दोषी पाया है। विशेष अदालत दोषियों को सात मार्च को सजा सुनाएगी। सरकारी वकील ने दोनों को फांसी की सजा देने की मांग की है। सूरत के कामरेज इलाके में रहने वाला मुख्य आरोपित हरसहाय गुर्जर मार्च, 2018 में 35 वर्षीय महिला व उसकी 11 साल की पुत्री को अपने साथ रखने के लिए घर ले गया था। महिला के साथ हरसहाय का किसी बात को लेकर विवाद हुआ तो भाई हरिओम के साथ मिलकर पुत्री के सामने ही महिला की हत्या कर दी तथा उसका शव जीवाबडिया इलाके में फेंक दिया। उधर, उसकी पुत्री को चुप रहने के लिए धमकाया तथा उसके साथ भी दुष्कर्म किया। उसके विरोध करने पर गुप्तांगों में धातु के टुकड़े ठूंस दिए, जिसके चलते तड़पते हुए उसने दम तोड़ दिया। पुलिस को छह अप्रैल को पुत्री का शव वदोद के पास मिला, जबकि महिला का शव नौ अप्रैल को क्षत-विक्षत हालत में मिला।

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सरकारी वकील ने फांसी की सजा की मांग की

सूरत पुलिस हत्या का भेद नहीं खोल सकी, इसलिए अहमदाबाद अपराध शाखा को यह केस सौंपा गया। सीसीटीवी फुटेज में दिख रही हरसहाय की कार की हेडलाइट के आधार पर अपराध शाखा हरसहाय तक पहुंची। प्रोटेक्शन आफ चिल्ड्रन फ्रोम सेक्सुअल आफेंस (पाक्सो) एक्ट व आइपीसी के तहत विशेष न्यायाधीश एएच धामानी ने शुक्रवार को दोनों को दुष्कर्म व हत्या का दोषी माना है। इस मामले में फैसला अब सात मार्च को सुनाया जाएगा। सरकारी वकील पीएन परमार ने दोषियों के अपराध को जघन्यतम बताते हुए दोनों को फांसी की सजा देने की मांग की है। उधर, बचाव पक्ष ने मुख्य आरोपित पर घर चलाने की जिम्मेदारी होने तथा डेढ़ साल का बच्चा होने की बात कहते हुए मानवीय आधार पर कम सजा देने की अपील की गई है।


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