Move to Jagran APP

आदेश का पालन नहीं करा पाने पर 9 जजों ने मांगी माफी, करीब दो दशक तक लटका रहा हाईकोर्ट का आदेश

हाईकोर्ट ने रजिस्‍ट्रार से इन न्‍यायाधीश की सर्विस बुक में इस केस का जिक्र करने व उनकी लापरवाही का उल्‍लेख करने के निर्देश दिये। इस पर सभी 9 न्‍यायाधीश ने माफी मांगते हुए कहा क‍ि ऐसा करने से उनके प्रोन्‍नत होने में परेशानी होगी।

By Jagran NewsEdited By: Ashisha Singh RajputPublished: Wed, 08 Feb 2023 04:32 PM (IST)Updated: Wed, 08 Feb 2023 04:32 PM (IST)
आदेश का पालन नहीं करा पाने पर 9 जजों ने मांगी माफी, करीब दो दशक तक लटका रहा हाईकोर्ट का आदेश
मुख्‍य न्‍यायाधीश ने इस पर कहा क‍ि माफी मांग लेने भर से उनकी लापरवाही को भुलाया नहीं जा सकता।

अहमदाबाद, शत्रुघ्‍न शर्मा। करीब दो दशक पहले किये गये गुजरात उच्‍च न्‍यायालय के आदेश का पालन नहीं कराने को लेकर आणंद सत्र न्‍यायालय के 9 जजों को मुख्‍य न्‍यायाधीश की खंडपीठ ने अफसोस जताते हुए रजिस्‍ट्रार से उनकी सर्विस बुक में इस लापरवाही का उल्‍लेख करने को कहा है। सभी 9 जजों ने हाईकोर्ट के समक्ष अपनी गलती स्‍वीकारते हुए माफी मांगी।

loksabha election banner

9 न्‍यायाधीश को इस बात के लिए सुनाई खरी खोटी

गुजरात उच्‍च न्‍यायालय के मुख्‍य न्‍यायाधीश अरविंद कुमार एवं न्‍यायाधीश आशुतोष शास्‍त्री ने आणंद जिले के सत्र न्‍यायालय में 2004 से 2023 तक बतौर न्‍यायाधीश काम कर चुके 9 न्‍यायाधीश को इस बात के लिए खरी खोटी सुनाई की उच्‍च न्‍यायालय के आदेश का करीब 20 साल तक पालन नहीं कराया जाना एक गंभीर लापरवाही है। हाईकोर्ट ने कहा क‍ि ऐसा केवल गुजरात में ही हो सकता है क‍ि हाईकोर्ट के आदेश को एक के बाद एक जज अधर में लटकाते रहे।

जजों की सर्विस बुक में हो लापरवाही का उल्‍लेख: हाईकोर्ट

हाईकोर्ट ने रजिस्‍ट्रार से इन न्‍यायाधीश की सर्विस बुक में इस केस का जिक्र करने व उनकी लापरवाही का उल्‍लेख करने के निर्देश दिये। इस पर सभी 9 न्‍यायाधीश ने माफी मांगते हुए कहा क‍ि ऐसा करने से उनके प्रोन्‍नत होने में परेशानी होगी। उन्‍होंने कहा क‍ि अपने जीवन के दो दशक न्‍याय जगत को दिये हैं तथा आगे भी सेवा करते रहेंगे, ऐसे में सर्विस बुक में नोट उनके कैरियर पर बुरा असर डालेगा।

माफी मांग लेने भर से लापरवाही को भुलाया नहीं जा सकता: मुख्‍य न्‍यायाधीश

मुख्‍य न्‍यायाधीश ने इस पर कहा क‍ि माफी मांग लेने भर से उनकी लापरवाही को भुलाया नहीं जा सकता। गौरतलब है कि अंबालाल पटेल व मोतीलाल के बीच 47 साल से चल रहे एक मामले में 2004 में उच्‍च न्‍यायालय ने एक आदेश जारी किया था उसका पालन आणंद सत्र न्‍यायालय आज तक नहीं करा सका, इस पर मुख्‍य न्‍यायाधीश की खंडपीठ ने इस दौरान सत्र अदालत में न्‍यायाधीश के रूप में सेवा देने वाले सभी 9 जजों को तलब किया था। हाईकोर्ट ने इस केस की पेपर बुक मंगाने के साथ इस केस में अलग अलग जजों ने कब कब सुनवाई की और कितनी तारीख दी इसकी भी जानकारी मांगी है।

ये भी पढ़ें- कम खर्च, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और फंडिंग में आसानी से सिर्फ 7.8 साल में यूनिकॉर्न बन रहे देसी स्टॉर्टअप

ये भी पढ़ें- Fact Check Story: आलिया भट्ट और उनकी बेटी के नाम से वायरल हो रही तस्वीर एडिटेड है


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.