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Gujarat: पाकिस्तान की जेलों में बंद हैं गुजरात के 519 मछुआरे

Gujarat गुजरात विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान मत्स्योद्योग मंत्री जीतूभाई चौधरी ने बताया कि बीते दो साल में गुजरात के 358 मछुआरों को पाकिस्तानी मरीन एजेंसी अंतरराष्ट्रीय जल सीमा से अपहृत ले गई। वर्ष 2020 में गुजरात के 163 मछुआरों का अपहरण किया गया।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Wed, 16 Mar 2022 08:21 PM (IST)Updated: Wed, 16 Mar 2022 08:21 PM (IST)
Gujarat: पाकिस्तान की जेलों में बंद हैं गुजरात के 519 मछुआरे
पाकिस्तान की जेलों में बंद हैं गुजरात के 519 मछुआरे। फाइल फोटो

अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। पाकिस्तान की जेलों में गुजरात के 519 मछुआरे बंद हैं। ये सभी मछुआरे अंतरराष्ट्रीय जल सीमा से पाकिस्तानी मरीन एजेंसी की ओर से पकड़कर ले जाए गए हैं। गुजरात सरकार 323 परिवारों को 300 रुपये प्रतिदिन के सहायता राशि उपलब्ध करा रही है। गुजरात विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान मत्स्योद्योग मंत्री जीतूभाई चौधरी ने बताया कि बीते दो साल में गुजरात के 358 मछुआरों को पाकिस्तानी मरीन एजेंसी अंतरराष्ट्रीय जल सीमा से अपहृत ले गई। वर्ष 2020 में गुजरात के 163 मछुआरों का अपहरण किया गया, जबकि वर्ष 2021 में 159 मछुआरों को पकड़कर पाकिस्तान ले जाया गया। पाक मरीन एजेंसी आए दिन भारत – पाकिस्तान की अंतरराष्टीय जल सीमा से गुजरात के मछुआरों का अपहरण कर ले जाती है। पाक की जेलों में गुजरात के कुल 519 मछुआरे बंद हैं, इनमें से सबसे अधिक मछुआरे कराची के जेल में बंद है। एक मछुआरा करीब पांच साल से वहां की जेल में बंद है। भारत व पाकिस्तान की सरकार हर साल एक-दूसरे के मछुआरों को मुक्त करती है, लेकिन इसके बावजूद अभी भी गुजरात के मछुआरे बड़ी संख्या में पाक के कब्जे में है।

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मछुआरों को पाकिस्तान की जेलों से मुक्त कराने के लिए सक्रिय प्रयास करने का आग्रह 

जीतू चौधरी ने बताया कि गुजरात सरकार 519 में से 323 मछुआरा परिवारों को प्रति दिन तीन सौ रुपये के हिसाब से आर्थिक सहायता उपलब्ध करा रही है। विपक्ष ने अन्य परिवारों को भी आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने की मांग की। साथ ही, मछुआरों को पाक की जेलों से मुक्त कराने के लिए सक्रिय प्रयास करने का आग्रह किया। इसके जवाब में सदन में बताया गया कि गुजरात सरकार लगातार केंद्र से संपर्क में है तथा इन मछुआरों की सूचना केंद्र को दी गई है, इनको मुक्त कराने के सक्रिय प्रयास जारी हैं। गौरतलब है कि गुजरात की करीब एक हजार से भी अधिक फिशिंग बोट पाकिस्तान के कब्जे में है, इनमें से सात सौ से अधिक बोट तो पूरी तरह खराब हो चुकी हैं। गौरतलब हैं कि पाक मरीन एजेंसी का अंतरराष्ट्रीय जलसीमा से आए दिन मछुआरों का अपहरण किए जाने से यहां के मछली व्यवसाय पर भी विपरीत असर पड़ता है। फरवरी 2022 में ही पाक एजेंसी गुजरात की 10 बोट का अपहरण कर करीब 60 मछुआरों को पकड़ ले गई थी।


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