गुजरात में पिछले दो साल में 204 शेरों की हुई मौत
एशियाई शेरों के नाम से पहचाने जाते गुजरात के गिर जंगल में पिछले दो वर्ष में कुल 204 शेरों की एमौत हुई है।
अहमदाबाद, जेएनएन। एशियाई शेरों के नाम से पहचाने जाते गुजरात के गिर जंगल में पिछले दो वर्ष में कुल 204 शेरों की मौत हुई है। गुजरात विधानसभा में एक सवाल के जवाब में गुजरात की बीजेपी सरकार ने यह जानकारी दी है।
गुजरात के तलाला के कांग्रेस के विधायक भगाभाई बारड के सवाल का जवाब देते हुए प्रदेश के वन व पर्यावरण मंत्री गणपत वसावा ने बताया कि गिर के जंगल में वर्ष 2017 में 71 शेरों की मौत हुई जिसमें 43 शेरों तथा 38 शावक शामिल है।। जबकि वर्ष 2018 में यह आकंड़ा बढते हुए 123 पर पहुंच गया जिसमें 67 शेर और 56 शावकों की मौत हुई है। इसमें प्राकृतिक रुप से मरनेवालें शेरों की संख्या 177 है जबकि अप्राकृतिक रुप से 27 शेरों की मौत हुई है।
वन मंत्री ने आगे जानकारी देते हुए बताया कि पिछले दो वर्षो में 331 तेंदुओं की भी मौत हुई है। जिसमें वर्ष 2017 में प्राकृतिक रुप से 76 तेंदुआ और 27 तेंदुए के बच्चों की मौत हुई है। वहीं आप्राकृतिक तौर पर 42 तेंदुआ और तीन तेदुओं के बच्चों की मौत हुई। इसी तरह वर्ष 2018 में 104 तेंदुआ और 30 उनके बच्चों की प्राकृतिक मौत हुई है। और 34 तेदुआ 7 तेदुंओं के बच्चो की आप्रकृतिक मौत हुई ।
उन्होंने बताया कि शेरों की सुरक्षा को लेकर सरकार चितिंत है और उसने कई कदम उठाये है। गीर और आसापस के इलाको में खुले कुंओं के चारों ओर दिवार बनायी गयी है। अमरेली जिले में से गुजरती सुरेन्द्रनगर –पीपावाव ट्रेक के दोनों ओर चेइन्लींक फेसिंग लगायी है। सरकार ने जंगल में अवैध रुप से हो रहे लायन शो को रोकने के लिए जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे लगाये है। इसके अलावा पर्यावरण मित्रों की भी नियुक्ती की है।