सीएम व ग्रह राज्यमंत्री की निगरानी में 17 जेलों पर छापा; 1700 वाहन, सैकडों अधिकारी व जवान छापे में जुटे
साबरमती जेल में उत्तर प्रदेश का माफिया डॉन अतीक अहमद बंद है। उसके परिवार के खिलाफ उत्तर प्रदेश पुलिस बडी कार्रवाई कर रही है। बडी जेलों में बंद कुख्यात कैदियों को जेलों में मोबाइल ड्रग्स कॉलगर्ल जैसी सुविधाएं मिलने के आरोपों के चलते ग्रह मंत्रालय सतर्क हो गया।
अहमदाबाद, राज्य ब्यूरो। गुजरात की जेलों में अवांछित गतिविधियों पर लगाम कसने के लिए मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल एवं ग्रह राज्यमंत्री हर्ष संघवी ने शुक्रवार मध्य रात्रि राज्य के बडे शहरों में स्थित 17 जेलों में छापेमारी का आदेश दिया। मुख्यमंत्री पटेल एवं संघवी ने खुद इस छापेमारी की ऑनलाइन निगरानी की।
रात्रि करीब 12 बजे शुरु हुई छापेमारी
शुक्रवार रात्रि करीब 10 बजे ग्रह राज्यमंत्री हर्ष संघवी गांधीनगर पुलिस भवन पहुंचे, यहां आला आईपीएस अधिकारियों के साथ बैठक की उसके बाद खुद त्रिनेत्र भवन पहुंच गये तथा सैकडों पुलिस अधिकारी व जवान करीब 17 सौ वाहन व आधुनिक हथियार व डॉग स्क्वॉड, बॉडी वॉर्न कैमरा से लैस अलग अलग टीमें अहमदाबाद के साबरमती जेल, सूरत, राजकोट, वडोदरा, पालनपुर आदि शहरों की जेलों में पहुंची।
रात्रि करीब 12 बजे शुरु हुई छापेमारी तीन घंटे से अधिक समय तक चली। इस दौरान खुद संघवी ने त्रिनैत्र सेंटर बैठकर इस छापेमारी की ऑनलाइन निगरानी की वहीं मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने डेशबोर्ड के जरिए इस कार्यवाही को देखा।
दो दिन पहले ही संघवी अचानक अहमदाबाद की साबरमती जेल पहुंचे थे, यहां उन्होंने जेल की व्यवस्था, कैदियों के बैरक समेत पुलिस की ड्यूटी आदि की जानकारी ली। उनके साथ पुलिस महानिदेशक विकास सहाय, जेल महानिदेशक डॉ के एल एन रावआदि अधिकारी भी उनके साथ थे।
कई सुविधाएं मिलने के आरोपों के चलते ग्रह मंत्रालय हुआ सतर्क
साबरमती जेल में उत्तर प्रदेश का माफिया डॉन अतीक अहमद बंद है। उसके परिवार के खिलाफ उत्तर प्रदेश पुलिस बडी कार्रवाई कर रही है। ऐसे में माना जा रहा है कि बडी जेलों में बंद कुख्यात कैदियों को जेलों में मोबाइल, ड्रग्स, कॉलगर्ल जैसी सुविधाएं मिलने के आरोपों के चलते ग्रह मंत्रालय सतर्क हो गया तथा इस तरह की अवांछित गतिविधियों पर लगाम कसने के लिए उसने अपने ही जेलों पर छापों का अंजाम दिया।
कुछ समय से पुलिस पर हफ्ता वसूली कर कैदियों को मोबाइल, खास भोजन, मादक पदार्थ व अन्य सुविधाएं देने के आरोप लगा रहे थे। सरकार ने जेलों में चल रहे ऐसे गोरखधंधे की कमर तोडने के लिए मध्य रात्रि छापेमारी का निर्णय लिया।