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Gujarat: 140 शिकायतें आने पर भी बचते रहे आइएएस के राजेश, रिश्वत में दुकानें व तेल लेने का भी आरोप

Gujarat आइएएस के राजेश 140 शिकायतें आने के बावजूद वह अपने रसूख व पहुंच के चलते बचते आ रहे थे। अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके तनेजा को दिसंबर 2021 में तीन से चार शिकायतें मिलीं इनकी जांच कराने पर सुरेंद्रनगर कलक्टर के राजेश तीन में दोषी पाए गए।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Published: Mon, 23 May 2022 09:26 PM (IST)Updated: Mon, 23 May 2022 09:47 PM (IST)
Gujarat: 140 शिकायतें आने पर भी बचते रहे आइएएस के राजेश, रिश्वत में दुकानें व तेल लेने का भी आरोप
गुजरात में 140 शिकायतें आने पर भी बचते रहे आइएएस के राजेश। फाइल फोटो

अहमदाबाद, जागरण संवाददाता। गुजरात में आइएएस के राजेश पर कलक्टर रहते लोगों को अनधिकृत रूप से बंदूक लाइसेंस देने, रिश्वत में सूरत में दुकान व किसान से तिल का तेल तक लेने के आरोप लग रहे हैं। सीबीआइ गांधीनगर ने उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर पूछताछ शुरू की है। सीबीआइ ने सोमवार को ही गुजरात के 2011 बैच के आइएएस के राजेश के खिलाफ समन जारी कर पूछताछ के लिए सीबीआइ कार्यालय हाजिर होने का निर्देश दिया था। करीब दो साल से राजेश के खिलाफ शिकायतें मिल रही थीं। 140 शिकायतें आने के बावजूद वह अपने रसूख व पहुंच के चलते बचते आ रहे थे। अतिरिक्त मुख्य सचिव पीके तनेजा को दिसंबर 2021 में तीन से चार शिकायतें मिलीं, इनकी जांच कराने पर सुरेंद्रनगर कलक्टर के राजेश तीन में दोषी पाए गए, जिसकी रिपोर्ट तनेजा ने सरकार को सौंप दी थी।

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सीबीआइ पूछताछ में हुआ ये खुलासा

इससे पहले भ्रष्टाचार निरोधक शाखा को दर्जनों शिकायतें मिलीं, लेकिन आरोपित आइएएस के खिलाफ हर जांच ठंडे बस्ते में चली जाती। सीबीआइ राजेश के खिलाफ सबूत जुटा रही है। सूरत में उसके करीबी एजेंट व व्यापारी रफीक मेमण को गिरफ्तार कर कर लिया है। एक दिन के रिमांड के बाद अब रफीक को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। सीबीआइ ने राजेश व रफीक को आमने-सामने बिठाकर पूछताछ करने की दलील देते हुए और रिमांड की मांग की, लेकिन अदालत ने कहा जब आइएएस राजेश को गिरफ्तार ही नहीं किया गया तो दोनों से पूछताछ का दावा कैसे हो सकता है। सीबीआइ की पूछताछ में सामने आया है कि राजेश बंदूक के एक लाइसेंस के बदले चार से पांच लाख रुपये बतौर रिश्वत वसूलते थे। उन्होंने सुरेंद्रनगर में बड़े पैमाने पर लाइसेंस जारी किए। इसके कारण ही उन पर शंका हुई।

छापे की बात लीक होने पर मातहत कर्मचारियों को अपने घर तक दौड़ाया

पूछताछ में पता चला है कि 100 लाइसेंस तो के राजेश ने पुलिस के एनओसी के बिना ही जारी कर दिए। राजेश ने सूरत के एक व्यवसायिक कांप्लेक्स में 48 लाख रुपये की दो दुकानें होने की जानकारी दी थी, लेकिन पता चला है कि इनकी कीमत दो करोड़ रुपये से अधिक है तथा ये दुकानें भी उन्होंने वहां जिला विकास अधिकारी रहते अपने पद का गलत इस्तेमाल करते हुए हथियाई थी। एक किसान ने राजेश पर शरीर पर मालिश के लिए पांच लीटर तिल का तेल मंगाने का भी आरोप लगाया है। बीते करीब एक सप्ताह से गांधीनगर सचिवालय में आइएएस के राजेश की ही चर्चा है। सचिवालय में जब एक आइएएस पर सीबीआइ के छापे की बात लीक हुई, तो बताया जा रहा है कि तीन वरिष्ठ आइएएस अधिकारियों ने अपने मातहत कर्मचारियों को अपने घर तक दौड़ा दिया कि कहीं उनके घर तो छापा नहीं पड़ रहा है।


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