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Guajrat: सूरत में 10वीं कक्षा की छात्राओं ने की क्षुद्रग्रह की खोज, NASA ने दी स्वीकृति

गुजरात के सूरत में 10वीं कक्षा की दो छात्राओं ने अखिल भारतीय क्षुद्रग्रह खोज अभियान के तहत क्षुद्रग्रह की खोज की है।

By Babita kashyapEdited By: Published: Wed, 29 Jul 2020 09:30 AM (IST)Updated: Wed, 29 Jul 2020 10:08 AM (IST)
Guajrat: सूरत में 10वीं कक्षा की छात्राओं ने की क्षुद्रग्रह की खोज, NASA ने दी स्वीकृति
Guajrat: सूरत में 10वीं कक्षा की छात्राओं ने की क्षुद्रग्रह की खोज, NASA ने दी स्वीकृति

सूरत, एएनआइ। गुजरात के सूरत में रहने वाली 10वीं कक्षा की छात्रा वैदेही वेकारिया और राधिका लखानी ने एक क्षुद्रग्रह की खोज की है जिसका नाम HL252514 है। छात्रा वैदेही ने बताया कि, "हम दोनों ने नासा के एक अंतरराष्ट्रीय अभियान में भाग लिया गया था। यह ग्रह वर्तमान में मंगल ग्रह के पास है और भविष्य में इसके पृथ्वी को पार करने की उम्मीद है।" ये दोनों पीपी सवाणी चैतन्य विद्या स्‍कूल की छात्राएं हैं। इन्‍होंने दो माह के एक साइंस प्रोग्राम में एआइआइ इंडिया एस्ट्रॉइड सर्च कैंपेन 2020 में भाग लिया था।

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इस अभियान का संचालन अन्तर्राष्ट्रीय खगोलीय खोज सहयोग (IASC) और टेक्‍सास के हार्डिन सीमंस विश्वविद्यालय के सहयोग से स्‍पेस इंडिया द़वारा किया गया था ।इस अभियान के तहत छात्राओं को ब्रह्मांड में स्थिर और परिभ्रमण करने वाले ग्रहों की खोज करने के लिए एक मिशन सौंपा गया था। जिसमें सूरत की विभिन्‍न स्कूलों और कॉलेजों में से 100 से अधिक छात्रों ने हिस्‍सा लिया था। जिसमें इन दो छात्राओं द्वारा मंगल के समीप भ्रमण कक्षा में चक्कर लगाने वाले एक एस्ट्रॉइड की खोज की थी। जिसे नासा ने भी अपनी स्वीकृति दी दी है। ये दोनों गुजरात की पहली छात्राएं हैं जिन्होंने इस प्रकार का परिभ्रमण करने वाले एस्ट्रॉइड की खोज करने में सफलता हासिल की है और सूरत का गौरव बढ़ाया है।  

 एक माह तक अमेरिका में स्थित सबसे विशाल हवाई कैला टेलिस्कोप की मदद से नासा द्वारा छात्राओं को डेटा दिया गया था। इस डेटा पर उन्‍होंने लगभग एक माह तक विश्लेषण कर एस्ट्रॉइड की खोज की। एस्ट्रॉइड की खोज के बाद अब नासा इसकी कक्षा के संबंध में रिसर्च करेगा और रिसर्च के बाद ये दोनों छात्राएं अपने नाम से इस एस्ट्रॉइड को रजिस्टर करवा पायेंगी।

इस सबंध में स्पेस सूरत के एज्युकेटर आकाश द्विवेदी का कहना है कि भारत ने चार वर्ष के बाद और गुजरात ने पहली बार किसी एस्ट्रॉइड की खोज की है। वैदेही के पिता पेशे से टेक्सटाइल बिजनेस में हैं तो राधिका के पिता कम्प्यूटर बिजनेस में। वैदेही गुजरात के भावनगर की रहने वाली है तो राधिका अमरेली जिले से है। नासा द्वारा इन दोनों छात्राओं की खोज को स्वीकृति मिल गयी है और उन्हें एक मेल भी भेजा गया है। इस खोज के बाद से इन दोनों छात्राओं को लोगों की शुभकामनाएं मिल रही हैं।


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