Move to Jagran APP

हम इतिहास बदलने उतरेंगे : जोकिम लो

जर्मनी के कोच जोकिम लो के पास 2018 में विटोरियो पोजो की सफलता को दोहराने का मौका है।

By Sanjay SavernEdited By: Published: Sat, 26 May 2018 07:28 PM (IST)Updated: Sat, 26 May 2018 07:28 PM (IST)
हम इतिहास बदलने उतरेंगे : जोकिम लो
हम इतिहास बदलने उतरेंगे : जोकिम लो

loksabha election banner
v>जर्मनी के कोच जोकिम लो के पास 2018 में विटोरियो पोजो की सफलता को दोहराने का मौका है। इटली के मैनेजर रहे पोजो ही 1934 और 1938 में लगातार दो विश्व कप जीतने वाले इकलौते मैनेजर हैं। उनके अलावा कोई भी यह उपलब्धि हासिल नहीं कर सका। कार्लोस बिलार्डो और फ्रेंज बेकेनबउर इसके करीब आए और अर्जेंटीना व पश्चिमी जर्मनी के लिए दो बार फाइनल में पहुंचे, लेकिन उन्हें एक बार ही जीत मिली। लो ने 14 जून से शुरू होने वाले विश्व कप कप के लिए अपनी टीम को अच्छी तरह से तैयार किया है। गतविजेता टीम के कोच ने फीफा विश्व कप की तैयारियों और अपनी टीम के बारे में जानकारी दी। पेश है जोकिम लो के साक्षात्कार के प्रमुख अंश-
-सिर्फ इटली (1934 और 1938) और ब्राजील (1958, 1962) लगातार दो विश्व कप जीतने वाली टीमें रहीं हैं। क्या जर्मनी 2018 में ऐसा कर सकता है?  
-निश्चित तौर पर हम ऐसा कर सकते हैं। यह दुनिया का सबसे मुश्किल काम है। एक बार विश्व कप जीतना शानदार है और उसे सफलतापूर्वक बचाने का मौका मिलना सच में महान है। जिस उपलब्धि को दो टीमें पहले ही हासिल कर चुकी हैं, उसे पाना निश्चित तौर पर एक सम्मान है और अगर हम ऐसा कर पाते हैं, तो हम बहुत ही खुश होंगे।
-जर्मनी ने 2017 में कन्फडेरेशन कप जीता था। इतिहास गवाह है कि कन्फडेरेशन कप जीतने के तुरंत बाद कोई भी टीम विश्व कप नहीं जीती है। आपका क्या कहना है?
-हम नए सिरे से इतिहास रचने के लिए तैयार है। मुझे इस बात का पता है, लेकिन ऐसा कोई कारण नहीं है कि नई शुरुआत नहीं हो सकती।
-इस बार आपकी टीम नई है। फिलिप लाम, मिरोस्लाव क्लोज, बास्टियन श्वेजनाइगर संन्यास ले चुके हैं। नई टीम को फिर से एकजुट करना कितना मुश्किल है? 
-हम कई साल से युवा फुटबॉल पर काम कर रहे हैं। हर अकादमी में और हर आयु वर्ग में इस प्रक्रिया का पालन किया जा रहा है। हम चाहते थे कि राष्ट्रीय टीम के लिए एक अच्छी बेंच स्ट्रेंथ तैयार हो जाए। हां यह सही है कि लाम और श्वेजनाइगर या क्लोज की भरपाई करना मुश्किल है मगर हमारे पास अच्छे प्रतिभाशाली खिलाड़ी हैं और उन्होंने खुद को साबित किया है।
-वास्तव में जर्मनी ने कन्फेडरेशन कप अपनी दूसरे दर्जे की टीम के साथ जीता?
-यह बहुत ही अहम है कि 23 खिलाडिय़ों की एक टीम तैयार रहे, जिनका जरूरत पडऩे पर इस्तेमाल किया जा सके। विश्व कप जैसे बड़े टूर्नामेंट में सिर्फ शुरुआती एकादश चुनना ही नहीं होता, बल्कि पूरी टीम पर आपको फोकस करना होता है। हमारा जोर 11 खिलाडिय़ों की बजाय पूरी टीम तैयार करने पर है। यह एक सतत प्रक्रिया है। दुनिया जीतने वाली टीम तैयार करने के लिए ऐसा करना ही होता है। 
-जर्मनी के अलावा कौन सी दूसरी टीम में खिताब जीतने की क्षमता है? 
-बहुत सारी टीमों में। पिछले तीन विश्व कप में यूरोप की टीम चैंपियन बनी है। इटली ने 2006 में जीत हासिल की, स्पेन ने 2010 में और हमने 2014 में खिताब उठाया। इस बार विश्व कप फिर से यूरोप में खेला जा रहा है और स्पेन, पुर्तगाल, फ्रांस जैसी यूरोपीय टीमें प्रबल दावेदार हैं। इसके अलावा ब्राजील और अर्जेंटीना भी खतरा पैदा कर सकती हैं। आप बेल्जियम को कैसे भूल सकते हैं! उनके पास दूर तक जाने वाली टीम है। 
-इटली और नीदरलैंड्स की टीमें इस बार विश्व कप में नहीं होंगी। यह कितना निराशाजनक है?
-एक फुटबॉल प्रशंसक होने के नाते मैं हमेशा विश्व कप में उन टीमों को देखना चाहता हूं, जिनका फुटबॉल इतिहास लंबा रहा है। निजी तौर पर मुझे और असंख्य प्रशंसकों को उनकी कमी खलेगी। इन दो यूरोपीय देशों ने विश्व फुटबॉल को काफी कुछ दिया है। इनके अलावा कोपा अमेरिका चैंपियन चिली भी इस बार नहीं है। शायद यही विश्व कप है। कभी-कभी सर्वश्रेष्ठ टीमों के लिए भी यहां तक पहुंचना मुश्किल होता है। 
-विश्व चैंपियन बनने के लिए किस चीज की जरूरत होती है?
-आप ऐसी कोई सूची नहीं बना सकते। प्रतिभा की निश्चित तौर पर जरूरत होती है, लेकिन यह अकेले ट्रॉफी जिताने की गारंटी नहीं हो सकता। आपको जिंदगी के हर क्षेत्र में आगे बढऩे के लिए कड़ी मेहनत करनी होती है। हालांकि कड़ी मेहनत भी आपको विश्व कप में सफलता की गारंटी नहीं दिला सकती। प्रक्रिया, तरीका और अनुशासन काफी अहम है। आप एक टीम के तौर पर और निजी तौर पर कैसा खेलते हैं, यह भी अहम होता है। आप किसी एक को भी नजरअंदाज नहीं कर सकते। इस सबके बाद भी आपको थोड़े से भाग्य की भी जरूरत होती है।
-ऑस्कर ताबारेज के साथ आप किसी राष्ट्रीय टीम के सबसे लंबे समय तक रहने वाले कोच हैं। इससे निश्चित तौर पर मदद मिलती होगी?
-निश्चित तौर पर। आप खिलाडिय़ों के बारे में जानते हैं, वो आपको जानते हैं। आपको पता होता है कि परेशानी होने पर किससे बात करनी है। इससे आपको प्रयोग करने में मदद मिली है। दूसरी तरफ अपेक्षाओं का दबाव ज्यादा होगा। हालांकि जर्मनी की टीम और दबाव एक-दूसरे के पर्यायवाची शब्द ही हैं क्योंकि हमने वैश्विक मंच पर काफी सफलताएं अर्जित की हैं। हर चीज के अपने फायदे-नुकसान होते हैं, लेकिन मैं अपनी बात करूं तो अगर आप लंबे समय से साथ होते हैं, तो इससे फायदा ही होता है।    

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.