फ्रांस को विश्वविजेता बनाने में इन 13 देशों का योगदान
शरणार्थी के तौर पर फ्रांस में आए तो कई के प्रवासी के तौर पर लेकिन इन सबने मिलकर इस देश को दोबारा विश्व चैंपियन बना दिया।
निखिल शर्मा, नई दिल्ली। 13 देशों से संबंध रखने वाले 17 खिलाड़ी और लक्ष्य फ्रांस को विश्व कप खिताब दिलाना। विश्व कप विजेता फ्रांसीसी टीम में मौजूद सभी खिलाडि़यों का संबंध दूसरे देशों से है। इनमें से कई के परिवार या तो शरणार्थी के तौर पर फ्रांस में आए तो कई के प्रवासी के तौर पर लेकिन इन सबने मिलकर इस देश को दोबारा विश्व चैंपियन बना दिया।
एमबापे : विश्व कप में सर्वश्रेष्ठ युवा खिलाड़ी का पुरस्कार पाने वाले एमबापे का जन्म पेरिस में 20 दिसंबर 1998 को हुआ। एमबापे के पिता विलफ्रिड एमबापे कैमरून से हैं, जबकि उनकी मां फैजा लामारी अल्जीरिया से हैं। ऐसे में एमबापे के पास तीन देशों की नागरिकता है।
एंटोनी ग्रीजमैन : ग्रीजमैन मूल रूप से जर्मनी के हैं। उनके पिता एलियन जर्मनी के हैं और वह फ्रांस आकर बस गए थे जबकि उनकी मां इजाबेल पुर्तगाली हैं। इजाबेल के पिता अमारो लोप्स फुटबॉलर थे और वह 1957 में फ्रांस आकर बस गए थे, जहां पर इजाबेल का जन्म हुआ। 1992 में ग्रीजमैन के नाना की मृत्यु हो गई थी।
पॉल पोग्बा : क्रोएशिया के खिलाफ विश्व कप फाइनल मुकाबले में फ्रांस की जीत में पॉल पोग्बा का भी हाथ रहा। पोग्बा मूल रूप से अफ्रीकी देश गिनी के हैं। पोग्बा का जन्म जरूर फ्रांस में हुआ, लेकिन उनके माता-पिता गिनी से यहां आकर बसे। पोग्बा के दो बड़े जुड़वा भाई फ्लोरेंटिन और माथियास का जन्म गिनी में ही हुआ था। दोनों भाई भी फुटबॉलर हैं और वह गिनी की राष्ट्रीय फुटबॉल टीम के सदस्य हैं। पोग्बा के पास फ्रांस और गिनी दोनों देशों की नागरिकता है।
ओलिवियर गिरू : स्ट्राइकर ओलिवियर का इटली से खास नाता है क्योंकि उनकी नानी और दादी दोनों ही इटली से थीं।
कोरेंटीन टोलिसो : मिडफील्डर टोलिसो का नाता पश्चिमी अफ्रीकी देश टोगो से है। टोलिसो का जन्म जरूर फ्रांस में हुआ लेकिन उनके माता-पिता टोगो से हैं और वह फ्रांस आकर बस गए थे। टोलिसो जर्मन क्लब बायर्न म्यूनिख के लिए भी खेलते हैं। कई बार उनके टोगो से खेलने की खबर सुर्खियां बनीं लेकिन जून 2017 में उन्होंने साफ कह दिया था वह फ्रांस में जन्मे हैं और यहीं से खेलेंगे। टोलिसो के पास भी फ्रांस और टोगो की नागरिकता है।
हुगो लॉरिस : 26 दिसंबर 1986 में जन्में कप्तान गोलकीपर लॉरिस का स्पेन से गहरा नाता है। लॉरिस के पिता मूल रूप से स्पेन के थे और मोंटे कार्लो में बैंक में कार्यरत थे। लॉरिस जब 2008 में नाइस क्लब के लिए खेल रहे थे तो उनकी मां की मृत्यु हो गई। कोच फ्रेडेरिक एंटोनेटी ने उन्हें छुट्टी लेने के लिए कहा लेकिन उन्होंने इसे ठुकरा दिया।
बेंजामिन मेंडी : मेंडी अफ्रीकी देश सेनेगल से यहां आकर बसे हैं। मेंडी के पास दोनों ही देशों की नागरिकता है। मेंडी भारत में इंडियन सुपर लीग में भी खेल चुके हैं। मेंडी प्रीमियर लीग में मैनचेस्टर सिटी की ओर से खेलते हैं।
नबील फेकीर : आक्रामक डिफेंडर फेकीर का पैतृक देश अल्जीरिया है। फेकीर तब सुर्खियों में आए थे जब मार्च 2015 में उन्होंने फ्रांस टीम से खेलने से इन्कार करके अल्जीरिया की टीम के लिए खेलने का फैसला किया। अल्जीरिया को तब ओमान और कतर के खिलाफ दोस्ताना मुकाबले खेलने थे जबकि फ्रांस को ब्राजील और डेनमार्क से भिड़ना था।
स्टीवन जोंजी : मिडफील्डर जोंजी के पिता अफ्रीकी देश कांगो से हैं, जबकि उनकी मां फ्रांस से थीं। जोंजी स्पेन के सेविला क्लब का महत्वपूर्ण हिस्सा भी हैं।
आदिल रामी : आदिल का जन्म फ्रांस के प्रांत कोर्सिका के बस्तिया शहर में एक मोरक्कन परिवार में हुआ था। रामी की युवा अवस्था में उनका परिवार फ्रेजस आकर बस गया था, जहां उनकी मां सिटी काउंसिल की सदस्य के रूप में काम करती थीं।
सैमुअल उमतिति : बेल्जियम के खिलाफ सेमीफाइनल मुकाबले में गोल करने वाले सैमुअल उमतिति का जन्म कैमरून में हुआ था। जब वह दो वर्ष के थे तो उनका परिवार फ्रांस के लियोन में आकर बस गया था। कुछ महीने बाद परिवार मेनिवल नेबरहुड में आकर बसा तो उमतिति ने वहां पांच वर्ष की उम्र में लोकल क्लब मेनिवल एफसी में एडमिशन ले लिया था। नौ वर्ष की उम्र में उन्होंने लियोन एकेडमी में एडमिशन लिया।
किमपेंबे : किमपेंबे के पिता कांगो जबकि उनकी मां हैती की हैं। 17 अक्टूबर 2014 में किमपेंबे ने अपना पेशेवर करियर शुरू किया। किमपेंबे को राष्ट्रीय टीम में जगह इसी वर्ष विश्व कप क्वालीफायर में मिली।
स्टीव मंडांडा : टीम के दूसरे गोलकीपर मंडांडा का जन्म 28 मार्च 1985 में कांगो के सबसे बड़े शहर किंशासा में हुआ। जब वह दो वर्ष के थे वह फ्रांस आ गए। नौ वर्ष की उम्र में एएलएम एवरियूक्स में एंट्री लेने से पहले वह मुक्केबाजी करते थे।
नगोलो कांटे : मिडफील्डर नगोलो कांटे का परिवार 1980 में माली से फ्रांस में आकर बस गया था। दिलचस्प बात है कि जब कांटे फ्रांस की किसी भी स्तर की टीम में नहीं खेल रहे थे। तब माली ने उन्हें 2015 अफ्रीकन कप ऑफ नेशंस में उनकी टीम से खेलने का न्यौता भेजा था, लेकिन कांटे ने मना कर दिया। जनवरी 2016 में फिर कांटे को न्यौता मिला। हालांकि 17 मार्च 2016 को उन्हें फ्रांस की टीम से खेलने का मौका मिला।
उस्मान डेंबले : उस्मान डेंबले फ्रांस टीम के स्ट्राइकर हैं। खास बात यह है कि उस्मान के पास तीन देशों की नागरिकता है। उस्मान की मां सेनेगल से हैं, जबकि उनके पिता माली से हैं। उस्मान का जन्म 15 मई 1997 में फ्रांस के वर्नोन में हुआ था।
ब्लेज मतोदी : फ्रांस के मिडफील्डर ब्लेज मतोदी के पिता फरियो रिवेलिनो अंगोला से हैं जबकि उनकी मां कांगो से थीं और छोटी उम्र में ही उन्हें फ्रांस की नागरिकता मिल गई थी।
सिदिबे : सिदिबे फ्रांस टीम में एक डिफेंडर की भूमिका निभाते हैं। सिदिबे का जन्म 29 जुलाई 1992 को हुआ था। सिदिबे का ताल्लुक माली से हैं क्योंकि उनके पिता मूलत: वहां से थे।