'विश्व कप में खेलने के लिए माहौल जरूरी, देश में फुटबॉल संस्कृति की कमी': बाइचुंग भूटिया
दिग्गज फुटबॉलर भूटिया ने कहा कि मुझे लगता है कि ऐसा तब तक बरकरार रहेगा जब हमारी खेल संस्कृति और फुटबॉल संस्कृति मजबूत नहीं होगी।
नई दिल्ली, प्रेट्र। फीफा विश्व कप में खेलना भारत के लिए दूर का सपना है लेकिन बाइचुंग भूटिया और आईएम विजयन जैसे देश के दिग्गज फुटबॉलरों की मानें तो निकट भविष्य में यह स्थिति बदलने की संभावना ना के बराबर है क्योंकि देश में फुटबॉल संस्कृति की कमी है।15 वर्षों के अपने करियर में 104 मैच खेलने वाले देश के दिग्गज फुटबॉलर भूटिया ने कहा कि मुझे लगता है कि ऐसा तब तक बरकरार रहेगा जब हमारी खेल संस्कृति और फुटबॉल संस्कृति मजबूत नहीं होगी।
पिछले साल अंडर-17 विश्व कप की सफल मेजबानी के बाद यह भरोसा पुख्ता भी हुआ। पिछले दो वषरें में टीम के प्रभावशाली परिणामों से भारतीय टीम अभी फीफा रैंकिंग में 97वें नंबर पर है लेकिन सिर्फ रैंकिंग से सही प्रगति का अंदाजा नहीं होता। भूटिया ने कहा कि यह निश्चित रूप से शानदार है कि हमने हाल के समय में अच्छा प्रदर्शन किया है लेकिन अगर विश्व कप की बात करें तो यह बहुत अलग चीज है।
लेकिन फुटबॉल संस्कृति तैयार करना सबसे ज्यादा जरूरी है। प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। बुनियादी ढांचा अब काफी बेहतर है और युवा विकास योजनाएं भी शुरू हो रही हैं लेकिन संस्कृति ऐसी चीज है जिसकी अब भी कमी है। वहीं भारतीय फुटबॉल के एक अन्य दिग्गज विजयन ने कहा कि इस बात से मैं सहमत हूं कि फुटबॉल संस्कृति की कमी है। मुझे लगता है कि क्लबों और संघों को विदेश के शीर्ष क्लबों के साथ जुड़ने के बारे में सोचना चाहिए।
हमारे पास विश्व कप में खेलने की क्षमता : राठौर
खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर ने कहा है कि भारत के पास फीफा विश्व कप में खेलने की क्षमता है लेकिन यह तभी संभव होगा जब खिलाडि़यों के लिए संभावनाएं बनाई जाएंगी। राठौर ने कहा कि भारत में फुटबॉल की लोकप्रियता बढ़ रही है। अंडर-17 फीफा विश्व कप देखने के लिए आने वाले लोगों की संख्या आइपीएल मैचों के समान थी। भारत फीफा विश्व कप में कभी नहीं खेला लेकिन हमारे पास क्षमता है। यदि क्षमता को अवसरों से मिलाया जाए तो भारत जल्द ही फीफा विश्व कप में खेलना शुरू कर देगा।