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हार के बावजूद भी इन खिलाड़ियों ने ऐसे जीता दिल, विरोधी भी कर रहे हैं तारीफ

कोच लुई नोर्टन डि माटोस ने कहा कि मैं टीम के खिलाड़ियों के एकजुट प्रयास से खुश हूं, लेकिन नतीजे से खुश नहीं हूं।

By Pradeep SehgalEdited By: Published: Sun, 08 Oct 2017 11:28 AM (IST)Updated: Sun, 08 Oct 2017 11:42 AM (IST)
हार के बावजूद भी इन खिलाड़ियों ने ऐसे जीता दिल, विरोधी भी कर रहे हैं तारीफ
हार के बावजूद भी इन खिलाड़ियों ने ऐसे जीता दिल, विरोधी भी कर रहे हैं तारीफ

नई दिल्ली, जेएनएन। फीफा विश्व कप के अपने पहले मैच में भले ही भारतीय टीम को अमेरिकी टीम से हार का सामना करना पड़ा हो, लेकिन टीम इंडिया ने जिस तरह का खेल दिखाया उसे लेकर इस टीम की हर जगह तारीफ हो रही है। इतना ही नहीं खास बात तो ये है कि इस टीम के प्रदर्शन की तारीफ विदेशी टीम के कोच तक ने कर दी। हालांकि अपनी टीम की इस हार से भारतीय गोलकीपर धीरज मोइरांगथेम सिंह निराश हैं।

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गोलकीपर धीरज मोइरांगथेम सिंह ने भारत की अंडर-17 टीम के लिए शानदार प्रदर्शन किया जिसे फीफा विश्व कप के शुरुआती मुकाबले में 0-3 से हार का सामना करना लेकिन वह इस शिकस्त से काफी निराश हैं। अमेरिका के कोच जॉन हैकवर्थ ने भी धीरज के प्रदर्शन की तारीफ की। उनका कहना था कि उन्होंने अगर अमेरिकी खिलाड़ियों के प्रयासों को विफल नहीं किया होता तो ग्रुप-ए के मैच में मेजबान टीम बड़े अंतर से हार जाती। 

धीरज ने कहा कि मैं निराश हूं क्योंकि हम मैच हार गए। अगर टीम नहीं जीतती तो मेरे अच्छे प्रदर्शन का कोई फायदा नहीं है। धीरज के अलावा अमेरिकी कोच ने सेंट्रल डिफेंडर अनवर अली और जितेंद्र सिंह की भी काफी तारीफ की जिन्होंने काफी देर तक अमेरिकी स्ट्राइकरों को गोल से दूर ही रखा। इस बारे में पूछने पर कि विपक्षी टीम के कोच ने उनकी तारीफ की तो धीरज ने कहा कि गोल बचाना गोलकीपर का काम है और निश्चित रूप से मुङो अपनी टीम के लिए ज्यादातर गोलों का बचाव करना था। मैंने अमेरिका के खिलाफ अच्छी शुरुआत की है और उम्मीद है कि अगले मैच में भी इसे जारी रखने का प्रयास करूंगा। आपको बता दें कि धीरज इस भारतीय टीम में सबसे अनुभवी खिलाड़ी है और अमेरिका के खिलाफ खेले गए मैच से पहले इन्होंने 42 मैच खेले थे।

उधर भारतीय टीम के कोच लुई नोर्टन डि माटोस ने कहा कि मैं टीम के खिलाड़ियों के एकजुट प्रयास से खुश हूं, लेकिन नतीजे से खुश नहीं हूं। जैसा कि मैं पहले ही कह चुका हूं कि हमारी और अमेरिकी टीम में काफी अंतर है। वे काफी अनुभवी हैं और यहां आने से पहले तैयारियों के लिए पिछले दो महीनों में कई अंतरराष्ट्रीय मैच खेल चुके थे। कोच ने कहा कि अगर हमारे खिलाड़ियों को अगर अनुभव मिल जाए, तो वे किसी टीम के सामने चुनौती पेश कर सकते हैं। भारतीय टीम ने पहला गोल 31वें मिनट में पेनल्टी में गंवा दिया था. कोच ने कहा कि हमने पहले हाफ में गोल गंवाया, जिससे बचा जा सकता था। 

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